बांग्लादेश में मौजूदा संकट के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल ने भी बड़े कदम उठाए हैं। भारत-बांग्लादेश समुद्री सीमा पर कोस्ट गार्ड ने निगरानी बढ़ाकर हर नाव की चेकिंग के आदेश दिए हैं। सुंदरबन क्रीक क्षेत्रों में आईसीजी के जहाजों और इंटरसेप्टर नौकाओं से गश्त की जा रही है। किसी भी अवैध गतिविधि के लिए भारत के करीबी तटों पर राडार स्टेशन 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।
भारतीय तटरक्षक बल के उप महानिदेशक (संचालन और तटीय सुरक्षा) अनुपम राय ने बताया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बाद भारतीय तटरक्षक बल ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर अपनी गश्त और निगरानी बढ़ा दी है। किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई और अवैध घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाकर दो से तीन जहाज तैनात किए हैं। सुंदरबन क्रीक क्षेत्रों में जहाजों और इंटरसेप्टर नौकाओं से गश्त की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हमारे पास हल्दिया, पारादीप और गोपालपुर में तटीय निगरानी राडार स्टेशन हैं, जिनसे किसी भी अवैध गतिविधि के लिए भारत के करीबी तटों पर 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई अवैध गतिविधि नहीं देखी गई है लेकिन हमने अपने जहाजों को विशेष रूप से सभी मछली पकड़ने वाली नौकाओं या किसी भी जहाज पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं, जो भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के करीब या क्रीक क्षेत्रों में हैं।
दरअसल, बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद बड़ी संख्या में हिंदू नागरिक भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सीमा पर उन्हें रोक दिया गया है। इसके बाद हिन्दुओं के बांग्लादेशी समुद्र के रास्ते भारत के ओडिशा राज्य में प्रवेश की आशंका जताई गई है। हालांकि, बांग्लादेश में हिंसा के बाद समुद्र मार्ग से भारत के तटीय राज्य में दाखिल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है लेकिन बांग्लादेशियों के समुद्र मार्ग से ओडिशा में दाखिल होने की आशंकाओं को देखते हुए बांग्लादेश से सटी 480 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर त्रिस्तरीय सुरक्षा बनाई गई है।