बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के कुछ दिन बाद शनिवार को उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने पूरे देश में कठोर कर्फ्यू लगा दिया है।
सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की। हिंसक झड़पों में अब तक 103 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव और सांसद उबेद-उल-कादर ने बताया कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। ‘समय’ टीवी के अनुसार 43 लोग मारे गए हैं। वहीं, ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 23 शव देखे गए है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या उन सभी की मौत शुक्रवार को हुई थी।
पहले भी हो चुका है हंगामा
बाग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर पहले भी हंगामा हो चुका है। वर्ष 2018 में हसीना सरकार ने इसी तरह के उग्र विरोध के प्रदर्शनों के बाद मुक्ति संग्राम स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाला 30 फीसदी कोटा सिस्टम निलंबित कर दिया था। इस फैसले को स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पिछले महीने हाईकोर्ट ने हसीना सरकार के 2018 के फैसले को पलट दिया।
स्थिति बेहद अस्थिर
ढाका में अमेरिका के दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि खबरों से पता चलता है कि बांग्लादेश में सैकड़ों से लेकर संभवत हजारों लोग घायल हुए हैं। दूतावास ने कहा कि स्थिति बेहद अस्थिर है।
वेबसाइट नहीं खुल रही
अधिकारियों ने मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है। कुछ टेलीविजन समाचार चैनलों में भी कामकाज बंद हो गया है तथा अधिकांश बांग्लादेशी समाचार पत्रों की वेबसाइट नहीं खुल रही हैं।