भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अपने सभी नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा से बचने की सलाह दी है। बांग्लादेश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच ये एडवाइजरी जारी की गई है।
भारत ने रविवार रात को बांग्लादेश में रह रहे अपने सभी नागरिकों को पड़ोसी देश में हिंसा के बीच “अत्यधिक सावधानी” बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित रखने की सलाह दी है।
ढाका से मिली खबरों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों के जवानों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 90 लोग मारे गए।
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
एडवाइजरी में कहा गया है, “बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।”
बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने एक विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ शुरू हुआ था। विरोध प्रदर्शन अब सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है। यह विरोध प्रदर्शन देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग से को लेकर है, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं।
25 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए करीब 6,700 भारतीय छात्र वहां से वापस लौटे हैं।