बांग्लादेश हिंसा के बीच नई सरकार, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार लेगी शपथ

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Muhammad Yunus, Nobel Peace Prize during The 2030 Agenda for Sustainable Development, media meeting at Ministry of Foreign Affairs on June 17, 2019 in Mexico City, Mexico (Photo by Carlos Tischler/NurPhoto via Getty Images)

बांग्लादेश में हिंसा और उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद आज अंतरिम सरकार का गठन  होने जा रहा है। जी हां, बांग्लादेश में आज गुरुवार को अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है। नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रख्यात अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार आज शपथ लेगी। मोहम्मद यूनुस आज गुरुवार को पेरिस से राजधानी ढाका पहुंचने वाले हैं, जहां उनका इलाज चल रहा था।

देश में स्थिति सामान्य करने के लिए पहले दिन से ही प्रयास करेंगे मोहम्मद यूनुस

यूनुस ने बुधवार शाम को विमान में सवार होने से पहले कहा, “मैं घर वापस जाने और यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि वहां क्या हो रहा है और हम जिस संकट में हैं, उससे बाहर निकलने के लिए खुद को कैसे संगठित कर सकते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के प्रमुख के तौर पर उनकी प्राथमिकता देश में सामान्य स्थिति कायम करने की होगी। देश में स्थिति सामान्य हो और सभी पीड़ितों को न्याय मिले इसके लिए वो पहले दिन से ही प्रयास करेंगे।

मोहम्मद यूनुस ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील भी की

साथ ही यूनुस ने अपने एक बयान में छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने देश को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि हिंसा का रास्ता विनाश की ओर ले जाएगा।

बताना चाहेंगे यूनुस को ‘गरीबों के बैंकर’ के रूप में जाना जाता है और उन्हें जरूरतमंद कर्जदारों को छोटे-छोटे ऋण देकर गरीबी से लड़ने में अग्रणी बैंक की स्थापना के लिए 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा- ‘स्थिति में तेजी से हो रहा सुधार’ 

वहीं इस बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा है कि स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है और तीन से चार दिन में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है। सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिन में हो रही हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन उग्र होने के चलते मारे गए 300 लोग, हजारों घायल 

बांग्लादेश में जुलाई माह में सरकारी नौकरियों के लिए कोटा के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए। प्रदर्शनों का हिंसक दमन किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी की गई, हालांकि सरकार ने अत्यधिक बल प्रयोग से इनकार किया।

उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर छोड़ा देश 

ज्ञात हो, कई सप्ताह तक बांग्लादेश में चले इसी उग्र छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। शेख हसीना ने सोमवार को नाटकीय तरीके से देश बाहर निकलकर पड़ोसी देश भारत में राजधानी नई दिल्ली के पास एक एयरबेस में शरण ली।

इसके बाद मोहम्मद यूनुस को प्रदर्शनकारियों ने इस पद के लिए की सिफारिश 

इस पूरे घटनाक्रम के पश्चात बांग्लादेश के एकमात्र नोबेल पुरस्कार विजेता और हसीना के कटु आलोचक 84 वर्षीय यूनुस को हसीना के खिलाफ अभियान चलाने वाले छात्र प्रदर्शनकारियों ने इस पद के लिए सिफारिश की। उम्मीद है कि आज गुरुवार को उन्हें अंतरिम सरकार में सलाहकारों की एक टीम के साथ मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

अंतरिम सरकार में 15 सदस्यों की होगी सलाहकार परिषद 

इस संबंध में सेना प्रमुख ने कहा कि इसमें 15 सदस्य शामिल हो सकते हैं, हालांकि नामों पर चर्चा बुधवार देर रात तक जारी रही। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान की अगुवाई में सर्वदलीय चर्चा में हसीना की अवामी लीग पार्टी शामिल नहीं थी। उन्होंने बीते सोमवार को हसीना के इस्तीफे की घोषणा की थी।

शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने कहा- ‘अभी हार नहीं मानी है’

वहीं शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने बुधवार देर रात फेसबुक पोस्ट में कहा कि पार्टी ने अभी हार नहीं मानी है और वह विरोधियों और प्रशासन से बातचीत करने के लिए तैयार है। जॉय ने यह भी कहा कि “मैंने कहा था कि मेरा परिवार अब राजनीति में शामिल नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से हमारे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है, हम हार नहीं मान सकते।”

खालिदा जिया ने तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय चुनाव कराने का किया आह्वान 

वहीं, यूनुस और हसीना के मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने बुधवार को हिंसा समाप्त कर शांति का आह्वान किया। बीएनपी नेता 78 वर्षीय खालिदा जिया ने बुधवार को ढाका में एक रैली में अपने सैकड़ों समर्थकों को अस्पताल के बिस्तर से वीडियो संबोधन में कहा, “कोई विनाश, बदला या प्रतिशोध नहीं।” मंगलवार को नजरबंदी से रिहा हुईं जिया और उनके निर्वासित बेटे तारिक रहमान ने रैली को संबोधित किया और तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय चुनाव कराने का आह्वान किया।

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