भागलपुर : कोसी नदी का पानी अब धीरे-धीरे चारो तरफ फैलने लगा है। कोसी का पानी कलबलिया नदी में उतर आया है, जिससे कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। संख्या में खेतों में पानी घुस जाने के बाद फसलें डूब गई हैं। वहीं किसान फसल डूबने के डर से कच्ची फसल काट रहे हैं। लखी घाट पर नदी के पार जानेवाला बांध भी टूट गया है, जिससे गांव के लोगों का नदी के पार से सम्पर्क भंग हो गया है। लोग अपने खेत नहीं जा पा रहे हैं अब नाव ही सहारा बच गया है।वहीं रंगरा के स्लुइस गेट पर पानी के दबाब का खतरा मंडराने लगा है। इस सलुइस गेट के टूटने से मुरली, चन्दरखरा, लतरा, भवानीपुर, गोपालपुर सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। कोसी का पानी तेजी से डुमरिया, तिरासी, सुकटिया बाजार होकर सिमरिया करारी तीनटंगा की ओर बढ़ने लगा है।
सिंहकुंड में ट्रांसफार्मर कराया शिफ्ट खरीक प्रखंड के सिंहकुंड गांव के छड़्ड़ापट्टी, जिलेबियामोड़ और सिमतरला समेत विभिन्न जगहों पर कोसी नदी का भीषण कटाव का कहर जारी है। कोसी लगातार गांव की ओर बढ़ रहा है।वहीं, रविवार को जिलेबियामोड़ टोला में लगे ट्रांसफार्मर को ग्रामीणों ने संभावित खतरे को देखते हुए हटाकर सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट किया। इस दौरान दिन भर पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बाधित रही, जो देर शाम बहाल हुई। ग्रामीण सूरज सिंह राजपूत, उमेश ठाकुर, सौरभ कुमार, सविता कुमारी, अजय सिंह आदि ने बताया कि कटाव इतना तेज है कि बचाव कार्य भी कारगर साबित नहीं हो रहा है।
बाबूपुर से मसाढ़ू तक कटाव स्थिर सबौर गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। प्रतिदिन डेढ़ से 2 फीट पानी बढ़ रहा है। वहीं बाबूपुर से लेकर इंग्लिश तक गंगा कटाव स्थिर है। लेकिन मसाढ़ू से ममलखा तक दियारा क्षेत्र में रुक-रुककर कटाव जारी है।बाबूपुर निवासी सुनील यादव ने कहा कि गंगा का पानी में वृद्धि काफी तेज रफ्तार से जारी है। कटाव फिलहाल यहां पर स्थिर है। वहीं ममलखा पंचायत के मुखिया अभिषेक कुमार अर्णव ने कहा कि मसाढू ममलखा के बीच गंगा कटाव रुक-रुक कर हो रहा है।
टपुआ में कटाव तेज लोगों में दहशत पीरपैंती टपुआ दियारा स्थित गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने से कटाव भी तेज हो गया है। ग्रामीण सुबोध यादव, महेश्वर साह, पूर्व मुखिया अमित सिंह, जवाहर सिंह, अजय कुमार, निर्मल यादव, मनोज यादव आदि ने कहा की शनिवार की रात्रि काफी तेज कटाव हुआ। धंसना भी गिरा। अप स्ट्रीम के नदी के द्वारा बनाए गए लूप में कटाव काफी तेज हो गया है। गंगा का पानी जमीन काटते हुए खेतों में प्रवेश करने लगा है जिससे फसल को नुकसान पहुंच रहा है। लोगों ने कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग की है।