केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को बाढ़ प्रबंधन की समुचित तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने बाढ़ की समस्या को कम करने के लिए व्यापक और दूरगामी नीति तैयार करने के दीर्घकालिक उपायों पर चर्चा की।
शाह ने मौसम विभाग और केंद्रीय जल आयोग को निर्देश दिया कि उन्हें वर्षा और बाढ़ चेतावनी में उपयोग होने वाले सभी उपकरणों को हर साल दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देश के सभी प्रमुख बांधों के फ्लड गेट्स सुचारू रूप से काम करें।
पिछले साल हुई बैठक में लिए गए निर्णयों पर हुई कार्यवाही की भी समीक्षा की गई। सभी एजेंसियों द्वारा अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकों और उनके नेटवर्क के विस्तार पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बाढ़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाइज़री को समय पर लागू करने की अपील की। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए इसरो द्वारा उपलब्ध कराए गए सैटेलाइट चित्रों के विभिन्न एजेसियों द्वारा अधिकतम इस्तेमाल पर बल दिया।
चेतावनियां लोगों तक पहुंचें
गृह मंत्री ने बिजली गिरने को लेकर मौसम विभाग की चेतावनियों को एसएमएस, टीवी, एफएम रेडियो और अन्य माध्यम से जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने एप्स को एकीकृत किए जाने की जरूरत पर जोर दिया।
रिपोर्ट देने के निर्देश
शाह ने सिक्किम-मणिपुर में हाल ही में आई बाढ़ का विस्तृत अध्य्यन कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निरीक्षण केंद्र आवश्यकता के अनुरूप और वैश्विक स्तर के होने चाहिए।
जो नदियां बारह मासी नहीं हैं, उनमें मिट्टी का कटाव अधिक होता है और गाद जमने से बाढ़ आ जाती है। इससे निपटने के लिए जल स्तर के पूर्वानुमान को अपग्रेड कर बाढ़ की समस्या को कम करने की प्रयास हों।
-अमित शाह, गृह मंत्री