ElectionNationalNew year 2024PoliticsTrending

बाहरी एजेंसी तक पहुंच नहीं, प्रक्रिया बहुत मजबूत’, इंडिया गठबंधन के ईवीएम से जुड़े सवाल पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब

ईवीएम को लेकर विपक्षी दल आए दिन सवाल उठाते रहते हैं। इसको लेकर चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर FAQs अपडेट किया है।जिसमें कई सवालों के जवाब बढ़ाए गए हैं।

इस साल आम चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर फिर से सवाल शुरू हो गए हैं. अगस्त 2023 के महीने में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग (ईसी) को एक चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) वाले पेज पर विस्तार पूर्वक जवाब दिया है कि भारतीय ईवीएम जर्मनी की प्रतिबंधित ईवीएम से कैसे अलग है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक तरफ जहां इंडिया ब्लॉक ने 19 दिसंबर को प्रस्ताव पारित करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग इस मामले पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मिलना नहीं चाहता वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग गठबंधन को पहले ही जवाब दे चुका है. चुनाव आयोग के जवाब में अगस्त के महीने में अपलोड किए गए ईवीएम पर एफएक्यू का हवाला दिया गया है.

चुनाव आयोग ने जवाब में क्या कहा?

इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एफएक्यू में 76 सवालों के जवाब शामिल हैं. जबकि पहले सिर्फ 39 सवालों के जवाब हुआ करते थे. उसमें से एक सवाल ये भी है कि ईवीएम बनाने वाली कंपनियों की ओर से गोपनीय सॉफ्टवेयर को विदेशी चिप निर्माताओं के साथ शेयर किया जा सकता है?

इसके जवाब में ईसी ने कहा, “माइक्रोकंट्रोलर्स को हाई लेवल सिक्योरिटी और उसके उपायों के तहत फर्मवेयर के साथ पोर्ट किया जाता है. इसके लिए 4 लेयर सिक्योरिटी होती है और माइक्रोकंट्रोलर्स को एल3 सिक्योरिटी में पोर्ट किया जाता है. जहां पर सिर्फ गिने चुने लोगों की एंट्री होती है. माइक्रो कंट्रोलर में फर्मवेयर प्रोग्राम लोड करने में किसी भी बाहरी एजेंसी- वो चाहे स्वदेशी हो या विदेशी शामिल नहीं है.”

वीवीपैट पर क्या बोला चुनाव आयोग?

वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर चुनाव आयोग ने कहा कि इसमें दो तरह की मैमोरी होती है- एक जहां पर प्रोग्राम इंस्ट्रक्शन्स माइक्रोकंट्रोलर्स के लिए रखी जाती है, जिसे केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है. दूसरी वो जहां ग्राफिकल इमेज स्टोर की जाती हैं. वो जगह जहां पर उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उम्मीदवारों के प्रतीक चिह्न लोड किए जाते हैं.

प्रतिबंधित जर्मनी वाली मशीन से कैसे अलग है भारतीय ईवीएम?

इस सवाल के जवाब में चुनाव आगोय का कहना है, “ईवीएम का निर्माण केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से सुरक्षित सुविधाओं के साथ किया जाता है और इसको एक कठोर थर्ड पार्टी टेस्टिंग से गुजरना पड़ता है. भारतीय ईवीएम मजबूत है और इसमें उस टेक्नोलॉजी और प्रोसेस को लागू किया जाता है जो अलग है. भारत के सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग हाईकोर्ट्स ने बार-बार मशीनों की जांच की है और ईसीआई की ईवीएम पर भरोसा जताया है।”

 


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी