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बिहार में अब महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं, 5 सितंबर से ‘सुरक्षित सफर सुविधा’ की शुरुआत

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महिलाओं के लिए अच्छी खबर पटना से आ रही है। अब उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उनकी सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस हर वक्त उनके साथ है और आगे भी रहेगी। बिहार पुलिस अब बहुत जल्द सुरक्षित सफर सुविधा शुरू करने जा रही है। 05 सितंबर से इसकी शुरुआत भी हो जाएगी। पहले बिहार के 6 जिलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, बेगूसराय एवं नालंदा में शुरुआत के बाद दस दिन बाद 15 सितम्बर से इस सेवा को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। यह सुविधा निःशुल्क होगी।

दरअसल त्योहारों का मौसम आने वाला है। दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ पूजा के मौके पर महिलाओं का आवागमन बढ़ जाता है। पर्व-त्योहारों की खरीदारी को लेकर महिलाएं देर रात्रि तक मार्केट में रहती है। उन्हें रात में किसी तरह की परेशानी ना हो इसका ख्याल अब बिहार पुलिस रखेगी। देश में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को लेकर बिहार पुलिस ने अपनी कमर कस ली है। मनचलों से निपटने के लिए बिहार पुलिस सुरक्षित सफर सुविधा की शुरुआत 5 सितंबर से करने जा रही है जो महिलाओं के लिए किसी हथियार से कम नहीं होगा। इसकी मदद से महिलाएं पुलिस की मदद ले सकती है। सुरक्षित सफर सुविधा से महिलाएं अपने घर के बाहर भी सुरक्षित महसूस करेंगी और हर्षोल्लास के साथ दशहरा, दिवाली और छठ त्योहार मनाएंगी।

अब बिहार की महिलाएं अपने घर से बाहर कहीं भी और कभी भी बिहार पुलिस की मदद से सुरक्षित यात्रा कर सकेंगी। उन्हें सिर्फ 112 पर कॉल करना होगा। डायल 112 उनकी सेवा में चौबीस घंटे और सातों दिन तत्पर रहेगी। फोन करते ही पुलिस मौके पर पलक झपकते ही पहुंच जाएगी। इसलिए अब महिलाएं निडर होकर घर के बाहर भी घूम सकेंगी। डायल 112 नंबर पहले से और ज्यादा तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा। इसका विस्तार किया जाएगा। इसे सुरक्षित सफर सुविधा से जोड़ा जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में C-DAC तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। जिसके तहत महिलाएं पूरी यात्रा के दौरान बिहार पुलिस के संपर्क में रहेगी और डायल 112 की टीम नियमित अंतराल पर उनकी सुरक्षा का जायजा लेती रहेगी।

यदि अपनी यात्रा के दौरान महिलाएं 112 पर कॉल कर इस सुविधा का अनुरोध करती हैं तो डायल 112 की टीम उनकी यात्रा का डिजिटली मॉनिटरिंग करेगी। गंतव्य स्थान पर पहुंचने तक डायल 112 की टीम कॉल करते रहेगी और उक्त महिला की सुरक्षा का जायजा लेती रहेगी। जब तक महिला सुरक्षित अपने घर नहीं पहुंच जाती तब तक डायल 112 की टीम डिजिटली रूप से उनसे जुड़ी रहेगी। महिलाओं को सुरक्षित घर तक पहुंचाने का बीड़ा बिहार पुलिस ने उठाया है। ऐसे में अब बिहार की बेटियां खुद को कमजोर नहीं समझेंगी और निडर होकर यात्रा करेगी। सुरक्षित सफर सुविधा के शुरू होते ही मनचलों की शामत आ जाएगी। इसलिए दूसरे की बहू बेटियों पर नजर रखने वाले मनचले अभी से ही अपनी आदत सुधार लें अन्यथा उनकी खातिरदारी करने के लिए बिहार पुलिस तैयार है। बिहार की बहू, बेटी और मां की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस ने अपने कंधों पर लिया है। ऐसे में अब बदमाशों की खैर नहीं है। यदि किसी के साथ छेड़खानी की तो डायल 12 की ईआरवी (इमरजेंसी रिस्पॉस व्हीकल) टीम उनकी मदद के लिए तत्काल मौके पर पहुंचेगी। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस सुविधा की शुरुआत 5 सितंबर से होने जा रही है।


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