बिहार की बिजली कंपनियों ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी 12वीं रेटिंग के अनुसार बिहार की दोनों वितरण कंपनियां पिछले साल की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन की है। वित्तीय व कंपनी के आंतरिक कार्यों के आधार पर हुए मूल्यांकन में दोनों ही कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
बीते 12 वर्षोँ से देश भर की बिजली कंपनियों की रेटिंग और रैंकिंग की जा रही है। इस बार केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों की कुल 55 सरकारी-गैर सरकारी बिजली कंपनियों की रेटिंग की। पिछले वर्ष की रेटिंग में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड 45वें पायदान पर था। इस बार कंपनी 37वें पायदान पर आ गई है।
इसी तरह साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड 47वें पायदान पर था। इस बार 38वें पायदान पर आ गई है। पिछले वर्ष जहां दोनों कंपनियों को सी-माइनस का ग्रेड मिला था। वहीं, इस बार दोनों कंपनियों को सी ग्रेड का दर्जा मिला है। कुल सौ अंकों के लिए हुई ग्रेडिंग में नॉर्थ बिहार को 30.8 तो साउथ बिहार को 29.7 अंक मिले हैं। रेटिंग जारी करने के साथ ही केंद्र सरकार ने बिहार को कई मानकों में सुधार करने को कहा है।
महाराष्ट्र व गुजरात की प्राइवेट कंपनी शीर्ष पर
देश की छह अग्रणी कंपनियों में महाराष्ट्र व गुजरात की निजी कंपनियां हैं। महाराष्ट्र की प्राइवेट कंपनी अदानी इलेक्ट्रिसिटी देश में नंबर वन पर कायम है। जबकि गुजरात की पांच निजी कंपनियां दो से छठे पायदान पर कायम है। सरकारी कंपनी होने के बावजूद बिहार की वितरण कंपनियों ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों को पछाड़ दिया है। इन राज्यों की सरकारी कंपनियां बिहार से काफी पीछे हैं।