बिहार मौसम सेवा केंद्र का पूर्वानुमान और सटीक हो, इसके लिए इसरो बिहार को और अधिक मदद करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस साइंस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश एम. देसाई ने बिहार को यह आश्वासन दिया है।
श्री देसाई सोमवार को बिहार मौसम सेवा केंद्र के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इसरो की भावी योजनाएं चंद्रयान, मंगलयान और सोलर मिशन के बारे में जानकारी दी।
जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और कहा कि सेटेलाइट की मदद से मौसम के उतार-चढ़ाव के बारे में सटीक पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। बिहार के मौसम पूर्वानुमान मॉडल की चर्चा की और कहा कि आज दूसरे राज्य भी बिहार मॉडल को अपनाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इसरो बिहार मौसम सेवा केंद्र को मौसम पूर्वानुमान लगाने में मदद कर रहा है।
इसरो के सेटेलाइट से मिलते हैं मौसम संबंधी आंकड़े बिहार मौसम सेवा केंद्र को इसरो के सेटेलाइट ही मौसम संबंधी आंकड़ा उपलब्ध करवाते हैं। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सी.एन. प्रभु ने बिहार के मौसम पूर्वानुमान मॉडल की जानकारी दी। बिहार मॉडल की सबसे खास बात यह है कि इसमें हर पंचायत से हर 15 मिनट पर मौसम पूर्वानुमान की जानकारी आती है। इस प्रकार एक पंचायत से दिनभर में 96 बार डाटा आता है।
सभी पंचायतों से दिनभर में 80 हजार से अधिक डाटा संकलित किए जाते हैं। इन आंकड़े को इसरो के सेटेलाइट से मिले आंकड़ों के साथ विश्लेषण विशेष कंप्यूटर साफ्टवेयर के जरिये किया जाता है। इसके बाद मौसम पूर्वानुमान जारी किया जाता है। ये बेहद सटीक होते हैं।
प्राधिकरण ने मिलाए हाथ
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बाढ़, भूकंप, लू, शीतलहर व वज्रपात जैसी आपदाओं के सटीक पूर्वानुमान के लिए इसरो के साथ मिलकर कार्य करेगा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत ने बिहार में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण पर किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।