बिहार की मानवी ने रच दिया इतिहास, बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा
बिहार पुलिस सेवा आयोग ने 9 जुलाई 2024 को दारोगा भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. कुल 1275 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसमें तीन ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. बिहार के भागलपुर की रहने वाली मानवी मधु कश्यप देश की पहली ट्रांसजेंडर बनी हैं, जो भारत के इतिहास में पहली बार है जब कोई ट्रांसजेंडर दारोगा बना है. इन तीन ट्रांसजेंडर दारोगा में दो ट्रांस पुरुष और एक ट्रांसवुमन है. पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी मधु कश्यप ट्रांसवुमन हैं.
देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी मधु कश्यप कौन हैं?मानवी बिहार के भागलपुर जिले के एक गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने शिक्षकों, माता-पिता और बिहार की समाजसेवी रेशमा प्रसाद को दिया. रेशमा पटना विश्वविद्यालय में सीनेट सदस्य बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर हैं. मानवी का मानना है कि किसी भी ट्रांसजेंडर के लिए यहां तक पहुंचना कोई सरल और आसान काम नहीं है. यह सफर कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा है. उन्होंने कहा कि अगर उनके शिक्षकों और माता-पिता ने उनका साथ नहीं दिया होता तो यह सब संभव नहीं हो पाता.
देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी कहां पढ़ाई करती थीं?रिपोर्ट के मुताबिक मानवी मधु कश्यप ने जानकारी दी है कि समाज में रहने में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि समाज से अपनी पहचान छिपाने के लिए वो दुपट्टा ओढ़ती थीं. जब वो 9वीं क्लास में थीं, तब उन्हें पता चला कि वो ट्रांसजेंडर हैं. लेकिन उनका मानना है कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि लोग क्या सोचते हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग निजी जिंदगी में दखलंदाजी करने में कामयाब हो जाते हैं. जब वो पटना में तैयारी कर रही थीं, तब उनकी मां उनसे छिपकर मिलने आती थीं. वो पिछले 9 महीने से गांव यानी घर नहीं गई हैं. दारोगा की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वो वर्दी पहनकर गांव जाने और अपनी मां और परिवार के लिए सम्मान और गर्व का पल जीने को बेताब हैं. उन्होंने कहा कि गांव जाकर वो सबसे पहले अपनी मां को सैल्यूट करेंगी. मानवी के अलावा उनके घर में मां, दो बहनें और एक भाई है.
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