बिहार के सभी जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषक क्षेत्र के बच्चों को दूध व अंडा दिए जाने और अन्य निर्धारित कार्यों की जांच होगी। इनमें बच्चों की उम्र-लंबाई के हिसाब से वजन की माप, आंगनबाड़ी केन्द्रों के खुलने को लेकर पोषण एप पर इंट्री नहीं किए जाने सहित अन्य शिकायतों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
इनमें आंगनबाड़ी सहायिका की ओर से रोजाना समय पर केन्द्र का संचालन नहीं करने, पोषहार वितरण नहीं करने, एक ही पोषक क्षेत्र में बार-बार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने से जुड़ी शिकायतों की भी जांच की जाएगी। अगले दो दिनों तक राज्य स्तरीय जांच टीम जिलों में जाकर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करेगी। उनके कार्यों की जांच करेगी। हाल ही में समाज कल्याण विभाग की ओर से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी थी। इस बैठक में जिलेवार समेकित बाल विकास परियोजनाओं की उपलब्धियों की समीक्षा के क्रम में कई खामियां पायी गयी थी।
विभागीय मंत्री मदन सहनी और विभागीय सचिव प्रेम सिंह मीणा ने उन खामियों को लेकर असंतोष जताया था, तब समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने विभागीय अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) निदेशालय ने जांच टीमों का गठन किया है, इसमें निदेशालय मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। सभी 38 जिलों के लिए कुल 38 जांच टीमों का गठन किया गया है। ये जांच टीम दो दिवसीय दौरा कर अपने-अपने निर्धारित जिलों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच करेंगे। वे पोषक क्षेत्र में रहने वाले लाभुक बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं से भी आंगनबाड़ी संचालन को लेकर फीडबैक लेंगे। जांच टीम मुख्यालय लौटकर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे।
आंगनबाड़ी केंद्रों में इन बिंदुओं पर होगी जांच
1- पूरक पोषण आहार
2- स्वास्थ्य जांच
3- टीकाकरण
4- पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा
5- स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा