बिहार : स्थानीय सदर अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में टेट्रा (बैंडेज) छोड़ने का मामला प्रकाश में आया है। महिला के पति ने मंगलवार को इसकी शिकायत डीएम के जनता दरबार में की। डीएम शशांक शुभंकर ने सिविल सर्जन डॉ. श्यामा राय और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार को जांच का आदेश दिया है। डीएम ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
पटना में सकसोहरा के अंदौली गांव निवासी रवीन्द्र पासवान ने डीएम को आवदेन देकर बताया कि उनकी पत्नी बेबी देवी अपने मायके सरमेरा-नालंदा के धनावां गांव में रह रही थीं। 25 नवंबर 2023 की रात प्रसव पीड़ा होने पर उसको सरमेरा अस्पताल में भर्ती कराया। अगले दिन सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां दोपहर में महिला डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। इसके बाद बच्ची ने जन्म लिया। करीब डेढ़ माह बाद से बेबी अक्सर पेट दर्द की शिकायत करने लगी। स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कराया। लेकिन, तकलीफ दूर नहीं हुई। 11 मई 2024 को जब पटना में दिखाया तो पेट में टेट्रा होने का प्रमाण मिला। इसके बाद ऑपरेशन कर टेट्रा निकाला गया। इसमें चार से पांच लाख खर्च हो गये। अभी एक और ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई है।
महिला के पेट में बैंडेज छोड़ने की होगी जांच
बिहारशरीफ। स्थानीय सदर अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में टेट्रा (बैंडेज) छोड़ने के मामले में जांच होगी। महिला के पति ने मंगलवार को इसकी शिकायत डीएम के जनता दरबार में की। डीएम शशांक शुभंकर ने सीएस डॉ. श्यामा राय और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार को जांच का आदेश दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर रवीन्द्र पासवान दो दिन पहले बिहारशरीफ सदर अस्पताल में ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर से मिले। लेकिन, अपशब्द कहते हुए डॉक्टर ने उन्हें भगा दिया। आखिरकार, रवीन्द्र पासवान ने डीएम से मिलकर जानकारी दी। पीड़िता के पति ने साक्ष्य के रूप में सदर अस्पताल के पूर्जा के साथ ही पटना के निजी अस्पताल में कराये गये इलाज का पूरा दस्तावेज भी जमा कराया है।