बिहार के 1033 थानों में से 964 थानों में डिजिटली प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। राज्य के 93 प्रतिशत थानों में डिजिटल माध्यम से दर्ज होने वाली प्राथमिकी की इंट्री की जा रही है।
इन थानों में सीसीटीएनएस के माध्यम से डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सीसीटीएनएस पर दर्ज प्राथमिकी आईसीजीएस (इंटर ऑपरेटबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के माध्यम से इस परियोजना के सभी हितधारक पुलिस, न्यायालय, अभियोजन, कारा तथा फॉरेंसिक देख सकते हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जेएस गंगवार ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सीसीटीएनएस पर अपलोड प्राथमिकी हार्ड कॉपी भी अलग से सभी संबंधित हितधारकों को भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस एक बहुआयामी परियोजना है। इसके माध्यम से इस परियोजना के हितधारक पुलिस, न्यायालय, अभियोजन, कारा तथा फॉरेंसिक आपस में सूचनाओं तथा आंकड़ों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी हो रही अपलोड
एडीजी गंगवार ने बताया कि सीसीटीएनएस पर कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी अपलोड की जा रही है। इनमें गुमशुदा व्यक्ति का फोटा व उससे संबंधित जानकारी भी अपलोड की जा रही है। ताकि इसकी सूचना अन्य राज्यों में भी जा सके और गुमशुदा की तलाश में सुविधा हो सके। गिरफ्तार अभियुक्तों की भी जानकारी अपलोड की जा रही है ताकि अन्य राज्य की पुलिस को भी अभियुक्त की गिरफ्तारी की जानकारी हो सके। उस अपराधी के वांछित होने पर उनके द्वारा रिमांड किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस प्रकार, गुम हुए वाहनों एवं मोबाइल फोन के बारे में भी सूचना अपलोड की जा रही है।