राज्य सरकार भ्रष्ट अंचलाधिकारी (सीओ) और राजस्व पदाधिकारी (आरओ) के खिलाफ अब कठोर कार्रवाई करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपी पदाधिकारियों की अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अवैध तरीके से अर्जित की गई उनकी संपत्ति की जांच अपने स्तर से कराएगा। जरूरत पड़ने पर ईओयू की भी मदद ली जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने सोमवार को इससे संबंधित आदेश जारी किया। विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम की शुरुआत करते हुए सुपौल के दो निवर्तमान सीओ के खिलाफ कार्रवाई की गई। उनपर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने के आरोप हैं। सुपौल के तत्कालीन सह भागलपुर जिले के इस्माइलपुर के वर्तमान सीओ प्रिंस राज तथा इसी अंचल से सेवानिवृत हो चुके पूर्व सीओ प्रभाष नारायण लाल पर गाज गिरी है। प्रिंस राज को निलंबित करते हुए उन पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जबकि सेवानिवृत्त प्रभाष नारायण लाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
निजी लोगों को कर दी 50 सरकारी प्लॉट की बंदोबस्ती
इन दोनों ने सुपौल में सरकारी जमीन के 50 प्लॉट का दाखिल-खारिज कर गलत तरीके से निजी लोगों को बंदोबस्ती कर दी थी। एवज में लाखों रुपये से लेने के आरोप हैं। वहीं पूरे घपले में शामिल संबंधित अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनके खिलाफ भी सख्त विभागीय कार्रवाई करने का आदेश सुपौल डीएम को दिया गया है।
राज्य के 90 से अधिक सीओ पर चल रही जांच
हाल के दिनों में राज्य के करीब तीन दर्जन सीओ किसी न किसी आरोप में जांच के दायरे में हैं। पहले से 90 से अधिक सीओ के खिलाफ विभागीय स्तर पर जांच चल रही है। ज्यादातर पर पद के दुरुपयोग की शिकायतें हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने यह भी कहा कि पहले से जिन सीओ पर आरोप गठित या विभागीय कार्रवाई चल रही है, उन मामलों की भी समीक्षा चल रही है। विभाग ने सभी सीओ और डीसीएलआर के कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी है।