बिहार : मधेपुरा में खुले में मूत्र विसर्जन कर रहे कलेक्ट्रेट कर्मी से मांगा गया शोकॉज
मधेपुरा। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के उद्देश्य के विपरित पर्यावरण क ो दूषित करने और आवासीय परिसर में वातावरण क ो दूषित करने के आरोप में कलेक्ट्रेट के एक कर्मी से शोकॉज पूछा गया है। जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र के तहत कहा गया कि कलेक्ट्रेट के कार्यालय परिचारी नंदन कुमार द्वारा जज कॉलोनी के निकट सरकारी आवासीय परिसर में खुले में मूत्र विसर्जन करते हुए देखा गया। मूत्र विसर्जन का कार्य स्वच्छ भारत मिशन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के विपरित है। सरकारी आवासीय कॉलोनी में ऐसा कार्य कर महामारी एवं वातावरण क ो दूषित कर रहे है। सरकारी कर्मी होते सरकारी उद्देश्य के विपरित कार्य करना बिहार सेवा संहिता के प्रावधान के विपरित है।
खुले में मूत्र त्याग करना एक सरकारी कर्मचारियों को महंगा पड़ गया है ।बीते दिन वह जज कॉलोनी के समीप एक सरकारी आवासीय परिसर में ही मूत्र त्याग कर रहे थे और अब उसके साथ कांड हो गया है। जिलाधिकारी ने उसे पैशाब करते हुए देख लिया और फिर अब उसको स्पष्टीकरण के लिए गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी पंकज घोष ने पत्र जारी कर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
यह लिखा है पत्र में : जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी पंकज कुमार घोष ने जारी पत्र में कहा है कि 27 जून की दोपहर को जिलाधिकारी द्वारा आपको (परिचारी नंदन) जज कॉलोनी के निकट सरकारी आवासीय परिसर में खुले में मूत्र विसर्जन करते हुए देखा गया. आपका यह कृत्य स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के विपरीत है. सरकारी आवासीय कॉलोनी में ऐसा कृत करके आप महामारी और वातावरण को दूषित कर रहे हैं. सरकारी कर्मी होते हुए आपके द्वारा सरकारी उद्देश्य योजना के विपरीत कार्य करना बिहार सेवा संहिता के प्रावधानों के विपरीत है. अतः उपयुक्त वर्णित तथ्यों के आलोक में पत्र प्राप्ति के 24 घंटा के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों नहीं उक्त कृत के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाए.
स्पष्टीकरण का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोगों ने इस तरह की कार्रवाई को सराहा है तो वही एक सवाल भी किया है। लोगों ने पूछा है प्रतिदिन शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर सैकड़ो लोग खुले में मूत्र त्याग करते है उसपर न तो किसी भी प्रकार की कार्रवाई हो पाती है और न ही उनके लिए सार्वजनिक स्थलों पर मूत्रालय की व्यवस्था है।
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