बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के इकलौते स्कूल की हालत दयनीय, हाईकोर्ट ने स्थिति पर जताई चिंता
पटना हाईकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण ज़िला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर सुनवाई 8अगस्त,2024 को होगी। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की।
राज्य सरकार द्वारा आज कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश किया गया। कोर्ट ने इसके अध्ययन के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी। कोर्ट ने पूर्व में गठित वकीलों की कमिटी को राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षा की समस्याओं पर विचार विमर्श करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड ही एकमात्र स्कूल है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहाँ पर कक्षा एक से ले कर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी। लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया,इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया था।
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