एक ही प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश नहीं होने के कारण सूखे के हालात बने हुए हैं तो कुछ जिलों में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण बाढ़ दस्तक लगी है। कोसी और महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर ने जहां सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया आदि जिले के लोगों को बाढ़ को लेकर डराना शुरू कर दिया है। वहीं कटिहार जैसे कुछ जिले ऐसे भी है जहां बाढ़ व सूखा दोनों की परेशानी पूर्वी बिहार के भागलपुर, बांका, मुंगेर और जमुई जैसे जिले में बारिश नहीं होने के कारण धान का बिचड़ा भी तैयार भी नहीं हो पाया है।
पूर्व बिहार के अधिकांश जिलों में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। बारिश की राह देखते किसानों की पथराई आंखों में अब आंसू छलक रहे हैं। भागलपुर, बांका, मुंगेर सहित कई जिलों में बारिश नहीं होने की वजह से किसान धान का बिचड़ा नहीं लगा सके हैं। भागलपुर में अभी तक मात्र 0.53 प्रतिशत बिचड़े की बुआई हुई है। दूसरी ओर नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद कोसी और महानंदा जैसी नदियां उफनाने लगी है। कोसी नदी का डिस्चार्ज गुरुवार शाम गुरुवार शाम छह बजे कोसी बराज पर 2 लाख 4 हजार 176 क्यूसेक दर्ज किया गया जो बढ़ने के क्रम में है। यह उत्तरी बिहार में तबाही का संकेत है। इधर महानंदा नदी के जून के जलस्तर ने पिछले 50 वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए चेतावनी स्तर को पार कर लिया है।
भागलपुर और आसपास के जिलों जून में बारिश बेहद कम हुई जिससे किसानों को सूखे की आशंका लग रही है। भागलपुर में जून में अब तक मात्र 2.69 प्रतिशत बारिश हुई है जबकि सामान्य वर्षापात 122.11 एमएम होनी चाहिए। इस लिहाज से माइनस 97.80 प्रतिशत का डेविएशन है जो खरीफ सीजन में सूखे की आशंका को बढ़ रही है। भागलपुर के पड़ोसी जिला बांका, मुंगेर आदि जिलों में भी अपेक्षानुसार बारिश नहीं हुई है। किसानों की अंतिम उम्मीद संभावित मानसून ही है।
भागलपुर में बारिश और बिचड़े की बुआई
महीना सामान्य वर्षा 2024 वास्तविक
अप्रैल 24.88 एमएम 00 एमएम
मई 60.33 एमएम 41.97 एमएम
जून 122.11 एमएम 2.69 एमएम
जून में बारिश कम होना चिंता का विषय है, लेकिन अभी मानसून की उम्मीद है। अगर अच्छी बारिश हो जाती है तो स्थिति सुधर सकती है। वरना आकस्मिक फसलों की भी तैयारी होगी।
-अनिल कुमार यादव, जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर