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बिहार में चुनाव के बाद पहली हिंसा: जहां रोहिणी आचार्य पर बूथ क़ब्ज़े का आरोप लगा था वहां गोलीबारी, एक की मौत, दो घायल

बिहार में चुनावी हिंसा का पहलाी घटना हो गयी है. छपरा में सोमवार को लालू-राबड़ी की बेटी रोहिणी आचार्या पर बूथ क़ब्ज़े का आरोप लगा था और जमकर हंगामा हुआ था, वहाँ मंगलवार की सुबह ताबड़तोड़ गोलियाँ चली. अंधाधुंध फ़ायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गयी, वहाँ दो लोग गंभीर हालत में अस्पताल ले जाये गये हैं।

छपरा से मिल रही खबर के मुताबिक़ शहर के भिखारी ठाकुर चौक के पास बड़ा तेलपा में ये गोलीबारी हुई है. कल हुई घटना का बदला लेने के लिए गोलीबारी की गयी है. आज अगले सुबह वहाँ अंधाधुंध फ़ायरिंग की गयी. इसमें एक व्यक्ति की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. दो अन्य लोगों को भी गोली लगी है, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की खबर मिलने के बाद सारण के डीएम और एसपी वहाँ पहुँचे है. बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. पुलिस ने कहा है कि हमलावरों की पहचान और गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

बता दें कि सोमवार को पाँचवें चरण की वोटिंग के दौरान इसी मोहल्ले के बूथ संख्या 118 और 119 पर भारी हंगामा हुआ था. लोगों ने सारण लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी और लालू-राबड़ी की बेटी रोहिणी आचार्या पर बूथ क़ब्ज़ा का आरोप लगाया था. छपरा के बूथ संख्या 118 और 119 का है. छपरा शहर में भिखारी ठाकुर चौक के पास प्राथमिक विद्यालय बड़ा तेलपा में दो मतदान केंद्र बनाये गये थे. शाम चार बजे रोहिणी आचार्या उस बूथ का दौरा करके गयी थीं. इसके करीब डेढ़ घंटे बाद वे फिर से शाम के साढ़े पांच बजे उसी बूथ पर पहुंच गयीं. रोहिणी आचार्या के साथ लालू परिवार के करीबी भोला यादव और दूसरे समर्थक भी थे।

स्थानीय लोगों ने जनकर हंगामा किया था 

रोहिणी आचार्या को काफिले के साथ बूथ के अंदर जाते देख स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था. लोगों को आरोप था कि रोहिणी आचार्या बूथ छापने आयी हैं. वे मतदान केंद्र के अंदर जाकर मतदाताओं से बदसलूकी कर रही हैं. उनके साथ आये असामाजिक तत्व वोटरों को भगा रहे हैं. स्थानीय लोग मतदान केंद्र पर पहुंच गये और बूथ नहीं छापने देंगे के नारे लगाने लगे थे. स्थानीय लोगों और रोहिणी आचार्या के बीच बहस भी हुई  थी. बूथ पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया. इसके बाद आक्रोश और बढ़ गया था।

पुलिस सुरक्षा में निकलीं थी रोहिणी

स्थानीय लोगों ने बूथ को घेर लिया था और नारेबाजी शुरू कर दी थी. लोगों ने रोड जाम भी कर दिया था. उस समय रोहिणी आचार्या बूथ के अंदर ही थीं. बाहर लोगों का आक्रोश बढ़ता देख वे वहां से निकलना चाह रही थीं लेकिन माहौल बेहद गर्म था. इसी दौरान रोहिणी आचार्या के साथ आये कुछ समर्थकों की स्थानीय लोगों से झड़प भी हुई. तभी पेट्रोलिंग पार्टी भी वहां पहुंची. पुलिसकर्मियों ने रोहिणी आचार्या की गाड़ी को घेर कर उन्हें बाहर निकाला।

रोहिणी के निकलने के बाद लोगों का हंगामा होता रहा. 

लोगों का आऱोप था कि रोहिणी आचार्या गुंडों के सहारे बूथ छापने की कोशिश कर रही थी. लोगों ने सड़क जाम कर जमकर नारेबाजी की. मामला बिगड़ते देख सारण के एसपी समेत दूसरे पुलिस अधिकारी मतदान केंद्र पर पहुंचे. एसपी की मौजूदगी में ईवीएम को सील कर वहां से निकाला गया।

सारण के एसपी गौरव मंगला ने मीडियो को बताया था कि उन दो बूथ पर सुरक्षित मतदान कराया गया है और वोटिंग की समय सीमा खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टी वज्र गृह के लिए रवाना भी हो गई है . एसपी ने कहा था कि रोहिणी आचार्या पर बूथ छापने के आरोपों और दूसरे विवाद की जांच करायी जायेगी. जांच में जो निष्कर्ष निकल कर आय़ेगा, उसके मुताबिक कार्रवाई की जायेगी।

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