बिहार में जमीन की जाली रजिस्ट्री पर नकेल कसने की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार ने जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी रजिस्ट्री को रोकने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं। राज्य में 20 साल से अधिक पुरानी रजिस्ट्री हुई जमीन का दाखिल खारिज या जमाबंदी बिना एडीएम की जांच के अब नहीं होगी। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह जानकारी दी है।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि राज्य में नकली केवाला का बड़ा रैकेट चल रही है। यह रैकेट नकली आधार कार्ड के सहारे फर्जी आदमी को खड़ा कर रजिस्ट्री ऑफिस की मिलीभगक से जमी की बिक्री करा देता है। राज्य के सभी जिलों में जल्द ही भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा। जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज अपडेट होंगे जिससे भूमि विवाद के मामलों पर भी रोक लगेगी।
उन्होंने बताया कि जमीन संबंधी कागजातों में त्रुटियों को ठीक करने के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल शुरू किया गया है। इसके जरिए घर बैठे जमाबंदी में प्रविष्टि भी कराई जा सकती है, जो पुरानी जमाबंदी में छूट गई है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में दो साल और ग्रामीण इलाकों में पांच साल से कार्यरत पदाधिकारियों का तबादला किया जाएगा।
वहीं उन्होंने कहा कि जान बूझकर दाखिल-खारिज के आवेदनों को रद्द किया जाता है ताकि अवैध उगाही की जा सके। ऐसे में आदेश दिया गया है कि आवेदक को नोटिस भेजकर उनका पक्ष सुनने बाद ही आवेदन को अस्वीकृत किया जाए। मुख्यमंत्री जल्द ही करीब 10 हजार कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इन कर्मियों की ज्वाइनिंग के बाद जमीन संबंधी कार्यों में तेजी आएगी।