बिहार पहुंचने के साथ ही मॉनसून सुस्त पड़ गया है। एक हफ्ते की देरी से राज्य में दस्तक देने के बाद मॉनसून अभी 14 जिलों तक ही सीमित है। मौसम विभाग के अनुसार अभी मॉनसून जहां गुरुवार को पहुंचा था, वहीं रुका है। हालांकि 48 से 72 घंटे के दौरान सूबे में मॉनसून के आगे बढ़ने को लेकर परिस्थितियां अनुकूल बनी रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया और किशनगंज जिले के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं बाकी जिलों के कुछ स्थानों पर गरज और चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलने के आसार हैं। फिलहाल तीन-चार दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। वहीं शुक्रवार को 22 जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई तो उत्तर बिहार के सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा, समस्तीपुर, अररिया, पूर्णिया, मधुबनी के 13 स्थानों पर 130.6 से 43.3 एमएम तक झमाझम बारिश हुई।
शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, विदर्भ व उप हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों और झारखंड के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा। वहीं अगले तीन-चार दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर व मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, गुजरात व महाराष्ट्र के शेष भाग, छत्तीसगढ़, ओडिशा व गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल है।
बिहार के 22 जिलों में हुई बारिश
मधुबनी में 11.3, दरभंगा में 14.2, मधेपुरा में 30.1, सहरसा में 43.6, पूर्णिया में 17.8, अररिया में 5.6, कटिहार में 4.3, भागलपुर में 4.8, बेगूसराय में 2.8, जमुई में 2.7, सुपौल में 0.6, खगड़िया व गया में 1.2, बांका में 0.2, नवादा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, सिवान, रोहतास व कैमूर में 0.1, औरंगाबाद में 0.5, सारण में 0.9 मिलीमीटर बारिश हुई।
28 दिनों के बाद प्रदेश का पारा पहुंचा 40 के नीचे
बिहार में मॉनसून प्रवेश करते ही लोगों को हीट-वेव के साथ ही भीषण गर्मी से राहत मिली है। शुक्रवार को प्रदेश का सबसे गर्म जिला 39.4 डिग्री सेल्सियस के साथ भोजपुर रहा। जिस कारण 28 दिनों के बाद प्रदेश का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंचा। इससे पहले 23 मई को प्रदेश का सबसे गर्म जिला 38.5 डिग्री सेल्सियस के साथ अरवल था। लेकिन 24 मई से प्रदेश का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंचने लगा था।
बादलों की आवाजाही के कारण पटना का अधिकतम पारा गिरा
पटना में भले ही मॉनसून प्रवेश नहीं किया है। लेकिन, प्रदेश में मॉनसून प्रवेश करने के बाद से उसका असर पटना में भी देखा जा रहा है। गुरुवार को राजधानी में बादलों की आवाजाही होने से अधिकतम तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। पटना का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।