सूबे में बगैर सरकार से मंजूरी लिए चल रहे निजी विद्यालय बंद होंगे। अभी राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 28 हजार है जिन्होंने राज्य सरकार से मान्यता नहीं ली है। यह जानकारी प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने दी।शनिवार को अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों को हर हाल में राज्य सरकार से प्रस्वीकृति लेनी ही होगी। इसके लिए उन्हें 15 अगस्त का समय दिया गया है। यह उनके लिए अंतिम अवसर होगा। निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति लेने के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कमजोर व अलाभकारी समूह के बच्चों का अपने यहां नामांकन भी लेना होगा।
निदेशक ने कहा कि निजी विद्यालयों की मनमानी नहीं चल सकती है। सरकार से प्रस्वीकृति लिए बगैर निजी विद्यालयों का संचालन करना पूरी तरह गलत है। इससे कई तरह की परेशानी हो रही है। ऐसे विद्यालयों को बार-बार अवसर दिया गया है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों ने प्रस्वीकृति नहीं ली है।दरअसल, प्रस्वीकृति के बाद इस समय 12 हजार निजी विद्यालय ही सरकार के संज्ञान में हैं। जबकि 40 हजार से अधिक निजी विद्यालय पूरे राज्य में संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों ने सरकार से मान्यता नहीं ली है। ऐसे में इन विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरकार ने सारे निजी विद्यालयों को चेतावनी दी है। यदि वे समय सीमा के अंदर प्रस्वीकृति लेने की पहल नहीं करते हैं तो न केवल विद्यालय बंद होंगे, बल्कि उन्हें एक लाख का जुर्माना भी देना होगा।
निदेशक ने बताया कि इस वर्ष नामांकन के लिए 27 हजार बच्चों का ऑनलाइन आवेदन आया है, जिसमें 23 हजार का चयन किया गया है। इनमें 4600 बच्चों का नामांकन हो चुका है। नामांकन में 5 फीसदी सीटें दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहेंगी। हालांकि राज्य मुख्यालय ने सीटें रिक्त रहने पर नाराजगी भी प्रकट की है और जिलों से इसका कारण पूछा है। जिलों को बताना होगा कि आखिर सीटें रिक्त कैसे रह गयीं।
राज्य के निजी विद्यालयों में नामांकन का दूसरा चरण प्रारंभ, 31 तक पंजीकरण
राज्य सरकार ने निजी विद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके तहत नामांकन को इच्छुक छात्र 31 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से वे नामांकन के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार प्रति छात्र 11 हजार की राशि संबंधित विद्यालयों को देती है। 2019 से 2024 के दौरान 22 करोड़ की राशि दी गयी है। जिलों में बेकार पड़ी राशि को वापस मांगा गया है।
निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का भी आधार सत्यापन अनिवार्य
प्राथमिक निदेशक ने कहा कि निजी विद्यालयों में 32 लाख बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन महज 17 हजार बच्चों का ही आधार सत्यापन किया गया है। यह करीब आधा फीसदी है। सभी निजी विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी नामांकित बच्चों का आधार सत्यापन करें। जिन बच्चों का आधार नहीं बन पाया है, उनका आधार बनवाएं। निदेशक ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में भी आधार सत्यापन की प्रक्रिया तेज की गयी है।