बिहार : अररिया-परसरमा फोरलेन सड़क का टेंडर जारी हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से जारी टेंडर के अनुसार फरवरी तक इसका निबटारा कर लिया जाएगा। मार्च में काम अवार्ड हो जाएगा। छह महीने के भीतर इस सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस सड़क के बन जाने से अररिया, सुपौल सहित राज्य के छह जिले को सीधा लाभ होगा। इन जिलों के लोग कम समय में पूर्वोत्तर के राज्यों और बंगाल का सफर कर सकेंगे। सामरिक दृष्टिकोण से भी इस सड़क की बेहद उपयोगिता है।
एनएच 327 ई अररिया-परसरमा नई सड़क है। इसकी लंबाई लगभग 112 किलोमीटर है। इस सड़क का निर्माण तीन पैकेज में होगा। पहला पैकेज परसरमा से विष्णुपुर का है जो 38.2 किमी लंबा है। इसमें सुपौल को जोड़ने के लिए एक स्पर का भी निर्माण होगा। इसके निर्माण पर 904 करोड़ खर्च होगा। दूसरा पैकेज विष्णुपुर से रघुनाथपुर है जिसकी लंबाई 38.34 किमी है। इस पैकेज में त्रिवेणीगंज को जोड़ने के लिए एक स्पर का निर्माण होगा। इसकी लागत 851 करोड़ है। वहीं तीसरा पैकेज रघुनाथपुर से अररिया का है। यह 35.65 किमी लंबा है। इसे बनाने में 904 करोड़ खर्च होगा।
पिछले साल ही मंजूरी मिली थी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले साल ही फोरलेन सड़क बनाने की मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मुख्य सड़क से सुपौल की कनेक्टिविटी के लिए 1.7 किमी लंबी एक सड़क बनाई जाएगी। त्रिवेणीगंज की कनेक्टिविटी के लिए 3.54 किमी की एक सड़क बनाई जाएगी। इस साल निर्माण कार्य शुरू कर अगले दो साल में इसे बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
इन इलाकों को होगा लाभ
सड़क के बन जाने से इस इलाके को काफी लाभ होगा। विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों जैसे बांस, मखाना, मक्का, चावल आदि अनाज की ढुलाई आसानी से हो सकेगी। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का यह विकल्प भी है। यह सड़क अभी राष्ट्रीय उच्च पथ के टू लेन मानक पर बना हुआ है। भविष्य में इस पर यातायात का दबाव बढ़ना तय है।
बंगाल की दूरी 80 किमी कम हो जाएगी
अररिया-परसरमा सड़क के फोरलेन हो जाने से राज्य के छह जिले सुपौल, मधेपुरा, अररिया, मधुबनी, दरभंगा और सहरसा जिले के लोगों को बंगाल और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आने-जाने में सुविधा होगी। 80 किमी दूरी कम हो जाएगी। इससे लोग कम समय में गंतव्य स्थल की दूरी तय कर सकेंगे।