बिहार : राज्य के लोगों को बिजली संबंधी सभी समस्या का समाधान तुरंत कराया जाएगा। इसके लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके माध्यम से बिहार के किसी भी कोने से की गई बिजली संबंधी सभी शिकायतें एक जगह एकत्र होंगी।
इससे उन समस्याओं का समाधान करने में सुविधा होगी। उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए इसका डिजाइन तैयार किया जा रहा है। एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं की शिकायतों को, चाहे वे किसी भी माध्यम से क्यों ना आ रही हों, एक जगह एकत्रित किया जाएगा। इससे पता लगाना आसान होगा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है या नहीं। विद्युत संबंधी समस्या को लेकर उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके पहले उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रजेंटेंशन से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली की रूपरेखा रखी गई। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार थे। अभी उपभोक्ता बिजली संबंधी शिकायत के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1912 व वेबसाइट का उपयोग होता है। फ्यूज कॉल सेंटर के नंबर भी जारी किए गए हैं, जो दोनों डिस्कॉम कंपनियों एसबीपीडीसीएल और एनबीपीडीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
मैथिली-भोजपुरी भाषा में भी कर सकेंगे शिकायत
एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत एआई आधारित चैट बोट व व्हाइस बोट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें अंग्रेजी और हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं जैसे मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उपभोक्ता अपनी स्थानीय भाषा में इसका उपयोग कर सकेंगे। इसमें स्पीच से टेक्स्ट और टेक्सट से स्पीच की भी सुविधा होगी। खासतौर से इंटरएक्टिव व्हाइस रिसपॉन्स सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत हिन्दी, अंग्रेजी सहित स्थानीय भाषाओं में उपभोक्ताओं के सवालों का जवाब दिया जाएगा, उनसे संवाद किया जाएगा।
हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है। एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ेगी, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित होगी। -संजीव हंस, प्रबंध निदेशक, बिजली कंपनी
डेटा बताएगा देरी की क्या है वजह
नई प्रणाली में ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल आधारित ऐप के जरिये प्राप्त डेटा के आधार पर यह पता लगाना आसान होगा कि किसी शिकायत के निवारण में देर क्यों हो रही है। इसके लिए कौन व्यक्ति जिम्मेदार है। पोर्टल और ऐप का इस्तेमाल संबंधित उपभोक्ताओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी किया जाएगा। लक्ष्य उपभोक्ताओं तक निर्बाध आपूर्ति के लिए पारदर्शिता के साथ बिजली वितरण प्रणाली का प्रभावशाली निरीक्षण व रखरखाव सुनिश्चित करना है।