बिहार में बीच सड़क भिड़े विधायक और पुलिस इंस्पेक्टर..तू तड़ाक.देख लेंगे…वर्दी और खाकी में पटका पटकी!

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बिहार मे खादी और खाकी के रिश्ते में तल्खी  समय समय पर सामने आती रहती है. ताजा मामला कटिहार के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र से है. बलरामपुर के विधायक महबूब आलम बारसोई थाना मे तैनात एक पुलिस अधिकारी से खूब तू तू मैं मैं करते दिख रहे हैं. चर्चा ये है बरसोई थाना को डायल 112 से एक जमीनी विवाद को लेकर आपसी तनाव की सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो माले विधायक दल के नेता सह बलराम पुर विधायक महबूब आलम पुलिस अधिकारी को कानून का पाठ पढ़ाने लगे.

पुलिसकर्मी को वहां से चले जाने के लिए दबाब बनाने लगे. मगर आपसी तनाव के इस वीडियो में यह भी दिख रहा है कि खादी वाले विधायक जी को खाकी वर्दी वाले पुलिस कर्मी उसी कानून का हवाला देते हुए घटना स्थल से चले जाने के लिए विधायक जी से लिखित मांग रहे है. पूरा मामला गुरुवार रात का बताया जा रहा है. ऐसे में एक ओर जहां विधायक पर पुलिस के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लग रहा है तो दूसरी ओर इस मामले में अब पुलिस की ओर से सफाई का भी लोगों को इंतजार है.  अब देखना है देर रात की इस तना तनी का वीडियो सामने आने के बाद आगे इस पर किस के खिलाफ क्या कारवाई होती है.

दरअसल, महबूब आलम के साथ इस प्रकार का विवाद कोई पहली बार सामने नहीं आया है. आलम को 1994 में बारसोई के एक राजनेता की पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. अगले साल उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. कानून से भगोड़ा रहने के लंबे समय के बाद, 1 सितंबर 2007 को शंकुला में एक बैठक में सादे कपड़ों में पुलिस ने आलम को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें 17 महीने की कैद के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने 2014 के संसदीय चुनाव में कटिहार लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के ठीक बाद आलम को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था । 30 जुलाई 2016 को महबूब आलम पर बिहार के कटिहार जिले में एक बैंक के शाखा प्रबंधक को थप्पड़ मारने का मामला दर्ज किया गया था।

ऐसे में एक बार फिर से  महबूब आलम नए विवाद में फंसे हैं. इस बार उनसे जुड़ा वीडियो सामने आया है जिसमें वे पुलिस वालों से बहस करते दिख रहे हैं. वीडियो में वे बार बार पुलिसवालों को वहां से चले जाने को कह रहे हैं. इसका पूरा वीडियो सोशल मिडिया पर भी वायरल हुआ जिसमें कई यूजर्स ने विधायक को सुझाव दिया है कि वे पुलिस वालों को काम करने दें. उन्हें काम में बाधा न डालें.