बिहार में बेरोजगारी भत्ता नियमावली को मिली मंजूरी, अब 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों का नहीं होगा रजिस्ट्रेशन

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लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार की शाम साढ़े चार बजे मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 25 एजेंडों पर मुहर लगाई गयी। बिहार की नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में बेरोजगारी भत्ता नियमावली को मंजूरी दी गयी है। बेरोजगारों को सरकार अब बेरोजगारी भत्ता देगी। वही 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों का फिर से 5 साल का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।

मनरेगा योजना के तहत बिहार में बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 की स्वीकृति दी गयी है। बेरोजगारी का आवेदन देने के बाद आवेदक को पंद्रह दिन के भीतर यदि रोजगार नहीं मिलता है तो राज्य सरकार रोजगार मांगने वाले को मांग तिथि से तय सीमा के भीतर दैनिक बेरोजगारी भत्ता देगी। इसके अलावा नीतीश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के मकान किराया की दर में भी संशोधन किया है। बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले हाउस अलाउंस में भी इजाफा किया है।

राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में राज्य कर्मियों को हाउस अलाउंस के मौजूदा दर में संशोधन किया है। संशोधन पर कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। वही 22 एएनएम स्कूल और 6 जीएनएम ट्रेंनिंग स्कूल के सुचारू संचालन को लेकर 247 पदों को मंजूरी दी गई है। वही श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत बिहार श्रम सेवा तकनीकी के कारखाना निरीक्षक संवर्ग की विभिन्न कोटी की पूर्व से सृजित पदों के अतिरिक्त कारखाना निरीक्षक के 4 पद और उप मुख्य कारखाना निरीक्षक के 4 पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी गई।

वही बाढ़ के न्यायिक दंडाधिकारी आशुतोष कुमार मुंशीफ दंड स्वरूप सेवा से बर्खास्त किया गया है। वही 15 साल से पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रेपिंग की योजना को मंजूरी दी गई है। बिहार सरकार के सभी विभाग, बोर्ड, निगम और अन्य कार्यालयों के स्वामित्व वाले 15 वर्ष पुराने वाहनों का फिर से निबंधन नहीं किया जा सकेगा। अब राजस्व प्रशासन से जुड़े सभी पुराने न्यायिक आदेश, नक्शे, भू-अभिलेख और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज ONLINE उपलब्ध होंगे। वही बिहार वित्त सेवा के पदाधिकारी की वरीयता का निर्धारण अब बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित मेधा सूची के आधार पर होगा।