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बिहार में यह क्या हो रहा है? अररिया, सीवान और मोतिहारी के बाद एक और पुल का पाया धंसा, किसी भी वक्त हो सकता है धराशायी; भ्रष्टाचार के लग रहे आरोप

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बिहार में पिछले दिनों अररिया के बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ध्वस्त होकर नदी में समा गया था। इसके बाद बिहार में पुलों के गिरने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। अररिया, सीवान और मोतिहारी के बाद अब किशनगंज में कनकई नदी पर बने पुल का पाया धंस गया है और वह किसी भी वक्त धराशायी हो सकता है। ऐसे में पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।

दरअसल, किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत डूबाडांगी गांव के पास से होकर बहने वाली कनकई नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से नदी पर बने पुल का पाया धंस गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुल का निर्माण करीब 6 वर्ष पूर्व किया गया था। नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पुल का पाया धंस गया। पुल पानी का दबाव सह नहीं सका और धंस गया।

70 मीटर लंबे और 12 मीटर चौड़े इस पुल को 2011 में 25 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था। इस घटना के बाद पुल के दोनों ओर आवागमन को रोक दिया गया है। ग्रामीण और पुलिस इसकी देखरेख कर रहे हैं। यह पुल दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया से जयनगर होकर लोहागाड़ा मुख्य सड़क 327 ई को जोड़ता है।

घटना कि जानकारी मिलते ही जिला पदाधिकारी किशनगंज तुषार सिंगला के निर्देश पर ट्रैनी डीएसपी सह थानाध्यक्ष बहादुरगंज अभिनव परासर अपने दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और पुल पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था करवा कर वाहनों के आवाजाही को तत्काल बंद करवाया। मौके पर पथ निर्माण विभाग कि टीम सहित बहादुरगंज एवं दिघलबैंक थाना कि पुलिस मौजूद है। ग्रामीण पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।

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