बिहार में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के लिए ऑस्ट्रेलिया ने दिखाई दिलचस्पी, कॉन्सुलेट जनरल ह्यू बॉयलान ने ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव से मिलकर कई मुद्दों पर की चर्चा
बिहार में नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को इच्छुक कोलकाता स्थित ऑस्ट्रेलियाई कॉन्सुलेट जनरल ह्यू बॉयलान ने बिहार के ऊर्जा, योजना व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव से पटना स्थित ऊर्जा भवन में सोमवार को मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की। ह्यू बॉयलान दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान मंत्री ने उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही उन नीतियों की भी चर्चा की जो बिहार में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में बाहरी पूंजी निवेश के लिए अनुकूल हैं। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार व एनबीपीडीसीएल के एमडी निलेश देवरे भी उपस्थित थे। मीटिंग के दौरान कॉन्सुलेट जनरल ने आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्दी ही बिहार का दौरा करेगी और सौर ऊर्जा में निवेश के बात को आगे बढ़ाएगी।
ऊर्जा, योजना व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार में निरंतर विकास के कार्य चल रहे हैं। ऊर्जा की निरंतर बढ़ रही मांग को देखते हुए पारंपरिक ऊर्जा से इतर रिन्यूएबल एनर्जी के विकल्प पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। खुशी की बात है कि ऑस्ट्रेलिया जैसा देश बिहार में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में पूंजी निवेश करने हेतु न सिर्फ इच्छुक है, बल्कि व्यवहारिक स्तर पर इस क्षेत्र में बिहार के साथ आगे बढ़ने की संभावना पर भी बातचीत कर रहा है।
ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गैर-परंपरागत बिजली उत्पादन को हर तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और अगले दो वर्षों में 9000 सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। उसी प्रकार सभी पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। राज्य में जहां 11 हजार 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा सकती है वहीं पवन ऊर्जा के माध्यम से 3650 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की संभावना है।
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