शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की नई नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जल्द ही इस पर सरकार की मुहर लग जाएगी। शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई इस प्रस्तावित नीति में जहां गंभीर रोग से पीड़ित, दिव्यांग और दंपति शिक्षकों को राहत दी जाएगी तो वहीं 40 वर्ष से कम उम्र के पुरुष शिक्षकों की तैनाती सुदूरवर्ती इलाकों में होगी।
शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की नीति तैयार करने के लिए बनी कमेटी ने इस मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। शिक्षा विभाग की तरफ से सरकार को कमेटी की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सरकार के स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी और इसके बाद उसे स्वीकृति मिल जाएगी। प्रस्तावित नीति में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए स्कूलों को भौगोलिक आदार पर पांच श्रेणी में बांटा गया है।
जिन पांच श्रेणी में स्कूलों को बांटा गया है उसमें, पहाड़ी इलाकों के स्कूल, नदी के पार वाले स्कूल, शहरी और ग्रामीण इलाकों के स्कूल समेत एक और श्रेणी के स्कूल शामिल हैं। इन पांच कटैगरी के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती उनके उम्र और बीमारी के आधार पर होगी। 40 वर्ष से कम उम्र के पुरुष शिक्षकों की तैनाती सुदूरवर्ती इलाकों में होगी।
वहीं गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों और शिक्षक दंपति को राहत दी जाएगी। साथ ही साथ दिव्यांग और महिला शिक्षकों को भी पदस्थापना में राहत देने का प्लान है। शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के आधार पर नियुक्ति और अवकाश तालिका के निर्धारण की नीति भी तैयार की जा रही है। अनुकंपा पर होने वाली नियुक्तियों के लिए भी नीति बन रही है। बता दें कि पहली बार बिहार शिक्षा सेवा के कैडर का पुनर्गठन संबंधी नीति का भी प्रावधान किया जा रहा है।