बिहार में शिक्षकों के लिए छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य

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राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। किसी भी स्कूल में अप्रशिक्षित शिक्षक मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक शिक्षा संस्थानों में यह प्रशिक्षण प्राप्त करना है। इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है।

शिक्षा विभाग ने गुरुवार को ‘शिक्षक मार्गदर्शिका’ जारी करते हुए उक्त निर्देश दिया है। मार्गदर्शिका में शिक्षकों की भूमिका और दायित्व को पांच श्रेणियों में बांटकर उन्हें बताया है कि कौन-कौन से कार्य उन्हें करने हैं। इन श्रेणियों में छात्र स्वरूप, स्कूल प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन शामिल हैं। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी डीईओ को जारी विस्तृत मार्गदर्शिका में कहा गया है कि शिक्षक अपने स्कूल एवं विद्यार्थियों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़तापूर्वक करें, यह आवश्यक है। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार को उत्कृष्ट कर उन्हें भविष्य का श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है।

 

नियमित रूप से स्कूल के हेड गर्ल और हेड ब्यॉय का चयन कर सभी विद्यार्थियों को क्रमश: बारी-बारी से अवसर दें। स्कूल के सबसे बड़ी कक्षा के विद्यार्थियों में से प्रति सप्ताह किसी एक का चयन करें। सभी विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटें और उसका नाम देते हुए उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल करें। पूरे वर्ष चलने वाली इन प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले समूह को वार्षिकोत्सव में पुरस्कृत करें। डॉ. एस सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सभी विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है।

शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों के सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एक शिक्षक को हर माह सम्मानित किया जाएगा। साथ ही प्रतिभाशाली छात्र और एक छात्रा को भी सम्मानित किया जाएगा। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ द्वारा यह सम्मान मिलेगा। शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी विद्यार्थी तय पोशाक में विषयों की पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक, पानी की बोतल लेकर आएं। कक्षा प्रारंभ होने के 10 मिनट पहले शिक्षक स्कूल पहुंचेंगे। चेतना सत्र में नैतिक मूल्यों पर चर्चा होगी।

उपस्थित-अनुपस्थित बच्चों की संख्या अंकित होगी

कक्षा प्रबंधन के तहत निर्देश है कि श्यामपट पर दिन और विषय के साथ-साथ उपस्थित-अनुपस्थित बच्चों की संख्या भी अंकित की जाएगी। यह कार्य कक्षा के मॉनिटर करेगा। कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने पर उन्हें सेक्शन में बांटा जाएगा। विषयवार शिक्षकों की कमी होने पर मल्टीग्रेड कक्षा का संचालन होगा, जिसमें छोटी कक्षा के विद्यार्थी पहली पंक्ति में बैठाया जाएगा। विद्यार्थी नियमित रूप से पाठ्यपुस्तक के साथ ही वर्ग कार्य और गृह कार्य के लिए कॉपी लेकर आएंगे। नियमित रूप से तीन माह के अंतराल पर विद्यार्थियों की प्रगति पत्रक को भरकर अभिभावकों को भेजें और उनसे बात करें।

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