बिहार : राज्य के स्कूलों को पांच अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर शिक्षकों का स्थानांतरण और पदस्थापन होगा। भौगोलिक दृष्टिकोण से स्कूलों को शहरी, अर्धशहरी, ग्रामीण, पहाड़ी और दियारा क्षेत्र में विभाजित किया जाएगा।40 साल से कम उम्र वाले शिक्षकों को पहाड़ी-दियारा क्षेत्र या सुदूर के स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। वहीं, महिलाओं और बीमार शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण में भी भौगोलिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखा जाएगा। अपेक्षाकृत कम दुरुह जगहों पर उम्रदराज और बीमार शिक्षकों को भेजा जाएगा।
शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर शिक्षा विभाग की गठित कमेटी इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर रही है। इसी क्रम में कमेटी के अध्यक्ष सह शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सोमवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ। जिला शिक्षा पदाधिकारियों से सुझाव भी लिए गए। साथ ही उन्हें कई निर्देश भी दिए गए।कमेटी जल्द ही रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को सौंपेगी। इसके बाद शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर बनी नियमावली में संशोधन किए जा सकते हैं। रिपोर्ट की अनुशंसा को लागू करने के लिए संशोधन आवश्यक होंगे।
एक अगस्त से नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग
सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग एक अगस्त से कराने की तैयारी शिक्षा विभाग कर रहा है। काउंसिलिंग के बाद सभी नियोजित शिक्षकों का पदस्थापन नये सिरे से होगा। सक्षमता पास शिक्षकों को पूर्व में ही जिला आवंटित कर दिया गया है। अब इन्हें संबंधित जिलों के स्कूलों में पदस्थापित किया जाना है। सक्षमता पास करीब 1.87 लाख शिक्षक हैं। हालांकि, इनके नये स्कूलों में पदस्थापन का क्या आधार होगा, इसको लेकर कमेटी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। इस पर मंथन जारी है।
राज्य में शिक्षकों की हैं तीन श्रेणियां
राज्य में शिक्षकों की भी तीन श्रेणियां हैं। इनमें एक नियोजित शिक्षक तो दूसरा बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षक हैं। तीसरी श्रेणी में पूर्व से नियुक्त स्थायी शिक्षक हैं। इन तीनों श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए ही स्थानांतरण और पदस्थापन की नीति बनेगी। राज्य में करीब साढ़े पांच लाख शिक्षक हैं। विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन तीनों श्रेणियों के शिक्षकों को लेकर अपनी अनुशंसा करेगी। कमेटी में बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सदस्य हैं।