पटना। बिहार विधान परिषद सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ प्रमोद चंद्रवंशी ने शिक्षा विभाग की अव्यवस्था पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि अनुशासन हमारे जीवन मे बहुत आवश्यक है यह हमारे व्यक्तित्व को निखारता है लेकिन विद्यार्थियों को बचपन से ही ये अनुशासन सिखाने का प्रयास होना चाहिए. डॉ चंद्रवंशी ने कहा विद्यार्थी अपने शिक्षकों, प्राचार्यों एवं विद्यालयों के वातावरण से ही अनुशासन का पाठ सीखते हैं. डॉ चंद्रवंशी ने कहा क्या विद्यालय में प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं बच्चों के देरी से आने पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाती है. यदि नही तो यह केवल परीक्षा के समय ही क्यों?
डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के हिटलरशाही रवैया के कारण इंटरमीडिएट परीक्षा के प्रथम दिन हजारों छात्र-छात्रा परीक्षा देने से वंचित रह गए.
डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि शिक्षा विभाग को ये अनुशासन केवल परीक्षा के समय याद आता है? परीक्षा में थोड़ी देर से पहुंचे छात्राओं को स्कूल का गेट फांद कर अंदर जाना पड़ा, जो कि बहुत ही शर्मनाक बात है. डॉ चंद्रवंशी ने कहा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मनमाने तरीके से छात्रों को प्रवेश नही दे रही है, जब परीक्षा का समय 10 बजे से है तो 9 बजे ही प्रवेश बन्द क्यों, किया गया? जबकि महाविद्यालयों में भी परीक्षा के समय छूट दिया जाता है।उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पहले खुद के गिरबां में झांके कि वह कितना अनुशासन का पालन कर रहा है, इसके बाद ही विद्यार्थियों पर अनुशासन का डंडा चलाए.