गाजियाबाद। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने बुधवार को डासना स्थित स्लॉटर हाउस से 57 नाबालिगों को मुक्त करा दिया गया। इनमें 31 लड़कियां और 26 लड़के शामिल हैं।
नाबालिगों का मेडिकल करवाकर बाल गृह में भेज दिया गया। अधिकतर किशोर पश्चिम बंगाल और बिहार के रहने वाले हैं। राष्टीय बाल संरक्षण आयोग के अनुसार, सूचना मिली थी कि डासना में इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में बच्चों और किशोरों से जबरन बालश्रम करवाया जा रहा है।
गाजियाबाद के एसीपी नरेश कुमार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि नई दिल्ली को शिकायत प्राप्त हुई थी कि गाजियाबाद में एक स्लॉटर हाउस संचालित है। यहां पर बिहार और पश्चिम बंगाल से लगभग 40 बच्चों को स्लॉटर हाउस में अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने बूचड़खाने पर छापा मारा। यहां से 31 नाबालिग लड़कियां और 26 नाबालिग लड़के कुल 57 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। बच्चे मूलरूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि बूचड़खाने में ये सभी बच्चे अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करते हुए पाए गए। इन सभी का चिकित्सीय परीक्षण करया गया। इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इंटरनेशनल एग्रो फूड्स का मुख्य कारोबार मीट प्रोसेसिंग और फ्रीजिंग का है।