बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार की भारतमाला 2A योजना के तहत जिन दर्जनभर हाई स्पीड कॉरिडोर को स्वीकृति मिली है, उनमें से 2 कॉरिडोर बिहार से होकर गुजरने जा रहे हैं । राज्य से होकर रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 367 किलोमीटर तथा गोरखपुर-किशनगंज हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 416 किलोमीटर परिपथ निर्मित होने जा रहे हैं ।
बिहार से होकर गुजरेंगे दो हाई स्पीड कॉरिडोर
इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत भारतमाला-2 के तहत NH-319B वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे की 170 किमी लंबाई का परिपथ बिहार से गुजरने वाला है, जिसमें अबतक कुल 5 पैकेज में लगभग 5241 करोड़ रुपए की लागत से 136 किमी की सड़कों के निर्माण से जुड़ी निविदाएं निष्पादित हो चुकी हैं और इन पैकेजों पर जल्द ही कार्य भी शुरू हो जाएगा ।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों की सोच है कि बुनियादी ढांचे के माध्यम से ‘गति, गुणवत्ता और पहुंच’ पर अनुकूल प्रभाव पड़ना चाहिए । ये दोनों कॉरिडोर उसी सोच को धरातल पर उतारने में सक्षम होंगे। इनसे आवागमन में सुविधा, समय और लागत की कमी के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बिहार के इन जिलों को मिलेगी सीधा फायदा
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ‘रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर’ बिहार के पू. चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से गुजरने जा रहा है जबकि ‘गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर’ राज्य के प. चंपारण, पू. चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिलों से होकर गुजरने वाली है।
भारतमाला 2A योजना के तहत बनने वाले ये दोनों कॉरिडोर देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी व्यापक उपयोगिता रखते हैं। बिहार में ये जिन इलाकों से होकर गुजरने जा रहे हैं, वहां विकास की संभावनाओं पर भी गुणात्मक प्रभाव डालेंगे। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विकसित भारत के निर्माण में बिहार जैसे पूर्वी भारत के राज्यों की निर्णायक भूमिका होगी।
भारतमाला 2A के तहत बनने वाले ये दोनों हाई स्पीड कॉरिडोर राज्य में ‘कनेक्टिविटी और कॉमर्स’ को गति देते हुए विकास की ‘स्पीड और स्कोप’ को बढ़ाने वाले साबित होंगे।