बिहार : राज्य में नवजात शिशु की घर पर देखभाल योजना विस्तार की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है सभी नवजात शिशु को घर पर जाकर आशा कार्यकर्ता देखभाल करें। शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए इसे जरूरी माना जा रहा है।
इस योजना के तहत अभी सालाना औसतन लगभग 12-13 लाख नवजात शिशु के घर पर आशा कार्यकर्ता जाती हैं। इसे बढ़ाकर 15 लाख तक ले जाने की तैयारी है। समुदाय स्तर पर नवजात शिशु की देखभाल के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह कार्यक्रम है। जन्म से 42 दिनों तक निश्चित समय अंतराल पर आशा की ओर से गृह भ्रमण कर नवजात के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है।
साथ ही माता एवं परिजनों को शिशु के स्वास्थ्य, खान-पान आदि के बारे में परामर्श देकर जागरूक करती है। संस्थागत प्रसव के मामले में आशा कार्यकर्ता नवजात शिशु के घर पर 6 भ्रमण करती हैं।