बिहार : 30 वर्ष पुराने सभी पुल-पुलियों की होगी जांच

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बिहार : सूबे के 30 वर्ष पुराने सभी पुल-पुलियों का सर्वे करेगा। सुरक्षा मानकों पर उन्हें परखा जाएगा। यह जानकारी देते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने कहा कि 15 दिनों के अंदर यह सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। वे गुरुवार को सिंचाई भवन के सभागार में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले दो दिनों में सीवान व सारण जिले में छाड़ी-गंडकी नदी पर अवस्थित छह पुल-पुलियों के ध्वस्त होने को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर कई दिशा-निर्देश दिये। इसके तहत पुलों के रखरखाव को लेकर अहम निर्णय लिये गये हैं। इन घटनाओं के लिए प्रथम दृष्टया संवेदक और संबंधित अभियंता जवाबदेह दिखते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि नहरों की उड़ाही के दौरान संबंधित अभियंताओं द्वारा पुल-पुलियों को सुरक्षित रखने को कदम नहीं उठाये गए। तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के बाद ही संरचनाओं के निकट खुदाई होनी चाहिए थी, जो नहीं किया गया। पुल-पुलियों के धवस्त होने की जांच विभाग के उड़नदस्ता को सौंपी गयी है। दोषी संवेदकों व अभियंताओं को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।

खर्च की वसूली संवेदक से होगी 

विकास आयुक्त ने बताया कि छाड़ी नदी पर नये पुलों के निर्माण की स्वीकृति एक सप्ताह में दी जाएगी। इनके निर्माण पर होने वाले व्यय की वसूली संबंधित संवेदक से होगी।

सारण में एक और पुलिया धंसी

बनियापुर। सारण में गुरुवार को एक और पुलिया धंस गयी। बनियापुर के सरेया गांव में धमई नदी पर पांच वर्ष पूर्व बनी 35 फीट लंबी पुलिया तथा उसका पाया तेज धारा को बर्दाश्त नहीं कर सके। पाया बीच से टूट गया। इसके बाद एक मीटर परिधि में पुलिया भरभरा कर गिर गई। इसका निर्माण मनरेगा से वर्ष 2019 में किया गया था। यह पुलिया सरेया और सतुआ पंचायत को जोड़ती थी। गौर हो कि बुधवार को भी जिले में दो पुलिया गिरी थी।

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