राज्य में उद्योग लगाने के कुल 83 प्रस्तावों को स्टेज एक की स्वीकृति मिली है। इनमें कुल 852 करोड़ रुपये निवेश होगा। खाद्य प्रसंस्करण और निर्माण इकाई उद्यमियों की पसंद बनी हुई है।
इन प्रस्तावों में दो करोड़ रुपये से कम निवेश वाले 37 और दो करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाले 46 प्रस्ताव शामिल हैं। विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की 50वीं बैठक में इन प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। 37 प्रस्तावों पर 314 करोड़ और 46 प्रस्तावों पर 820 करोड़ रुपये निवेश होगा। निर्णय लिया गया कि 5575 करोड़ रुपये निवेश वाले मोकामा पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के प्रस्ताव पर आगे की बैठक में विचार होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिक पावर उत्पादन करने का प्रस्ताव है।
एनओसी प्रक्रिया ऑनलाइन हो विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की आगामी बैठकों में बिहार अग्निशमन सेवा के प्रतिनिधि को नियमित रूप से विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लेने हेतु सूचित किया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि एनओसी देने की प्रक्रिया ऑनलाइन रखी जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव संदीप पौंडरिक, उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित भी मौजूद रहे।
28 इकाइयों को वित्तीय स्वीकृति
राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक में दो करोड़ से अधिक निवेश वाले 28 इकाइयों को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 216 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव है। दो करोड़ से कम निवेश वाली 14 इकाइयों को वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इसमें 16 करोड़ रुपये निवेश होगा।
कम पूंजी निवेश में निर्माण इकाई ज्यादा
दो करोड़ रुपये से कम निवेश वाले 37 प्रस्तावों में सबसे ज्यादा 12 निर्माण इकाई हैं। 9 खाद्य प्रसंस्करण इकाई, चमड़ा एवं वस्त्रत्त् उद्योग के पांच, प्लास्टिक रबर, छोटी मशीन निर्माण इकाई और लकड़ी आधारित उद्योग के 3-3 इकाई हैं। अन्य दो इकाई हैं।
खाद्य प्रसंस्करण का भी क्रेज
दो करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाले 46 प्रस्तावों में सबसे ज्यादा 14 खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के हैं। उद्यमियों के बीच खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने का क्रेज बरकरार है। इसके अलावा चावल मिल के 13, निर्माण के 12, हेल्थकेयर के 4 प्रस्ताव हैं। वहीं, चर्म एवं वस्त्रत्त् उद्योग, आईसेक्टर और छोटी मशीन निर्माण इकाई के एक-एक प्रस्ताव हैं। स्टेज-1 क्लीयरेंस की स्वीकृति बैठक से लगातार अनुपस्थित रहने वाले 11 प्रस्तावों को रद्द किया गया है। इसमें 10.5 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव था।