बीआईटी मेसरा, पटना कैम्पस में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम का उद्घाटन

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बीआईटी मेसरा, पटना कैम्पस में आधे भारत (उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आसाम, सिक्किम, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, बिहार एवं झारखण्ड के 210 छात्र एवं छात्राओं) के युवाओं का राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम का उद्घाटन श्री एस० के० मालवीय, अतिरिक्त महानिदेशक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने किया।

आज राष्ट्रीय एकता शिविर-2023 के उद्घाटन समारोह में बारह राज्यों के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, छात्र-छात्राओं की सात दिवसीय शिविर का उद्घाटन श्री एस० के० मालवीय, अतिरिक्त महानिदेशक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथी- डॉ० एम० हानिफ मेवाती, निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, भारत सरकार, डॉ० अरबिन्द कुमार, निदेशक, बीआईटी पटना, श्री गिरधर उपाध्याय, क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय निदेशालय, एनएसएस, पटना, प्रो० श्रीधर कुमार, संयोजक, राष्ट्रीय सेवा योजना, बीआईटी पटना, डॉ० एस०एस० यादव, कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, बीआईटी पटना एवं बारह राज्यों के कार्यकम पदाधिकारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक छात्र छात्रएँ एवं संस्थान के शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक कर्मचारी मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री एस० के० मालवीय ने सबसे पहले इस शिविर के आयोजन पर अपना धन्यवाद ज्ञापन दिया। उसके बाद उन्होंने स्वयंसेवकों एवं उपस्थित अतिथियों को राष्ट्रीय एकताका मतलब बताते हुए कहा कि इसका मतलब हमें भारत को जोड़ना है चाहे वो खेलकूद कामाध्यम हो चाहे वो सांस्कृतिक कार्ययकम हो, बहुत सारे माध्यम है जिसके द्वारा हम भारत को जोड़नेका प्रयास करते है और करते आए है। उन्होंने इस कार्यकम को बहुत ही सराहनीय बताया और इसबात के लिए धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी सभी इस माध्यम के द्वाराभारत को जोड़ने का काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये भावनाहमें खुद के भीतर स्वयं लानीहोगी किसी के कहने या दबाव में यह संभव नही हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमभारतवासी है, हमारी मातृभाषा हिन्दी है और हमें अपने जमीन से जुड़नी है उसके बाद ही किसीराज्य के या मजहब के या कोई भाषा-भाषी है। हम पैदा कहीं होते हैं, पढ़ाई कहीं होती है, शादीकहीं होती है, नौकरी कही करते है, ये सभी भारत एकता का प्रतीक है। अन्त में उन्होंने सभी कोइस कार्यक्रम को सफल बनाने की अपनी शुभकामना व्यक्त की।

विशिष्ट अतिथी डॉ० एम० हानिफ मेवाती ने सभी को इस कार्यक्रम की शुभकामना देते हुए कहा कि हमें अपने मैं को खत्म करना है और दूसरों के लिए सोचना है वही हमारे लिए सबकुछ है ऐसा महसूस करना है तभी वसुधैव कुटुम्बकल और अतिथि देवो भवः की लोकोक्ति चरितार्थ होगा। उन्होंने कहा कि हमें सेवा के द्वारा शिक्षा प्राप्त करनी है (Learning by Serving). इसके माध्यम से हमारी आत्मिक उन्नति के साथ-साथ देश का भी नाम उँचा होगा।

डॉ० अरबिन्द कुमार, निदेशक, बीआईटी पटना ने राष्ट्रीय सेवा योजना की परंपरा को युवा वर्ग के लिए एक भविष्य निर्माण, चरित्र निर्माण एवं सफलता का आधार बताते हुए परिसर में सबों का स्वागत किया एवं इस कार्यकम की सफलता और सहयोग के लिए आश्वस्थ किया। उन्होंने क्षेत्रीय निदेशालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, पटना को इस कार्यक्रम के स्थल की चुनाव के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आज बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान पटना परिसर भारत के सांस्कृतिक एकता का केन्द्र बिन्दु बन गया है।

श्री गिरधर उपाध्याय, क्षेत्रीय निदेशक, पटना ने बताया कि इस कार्यकम का मूल उद्देश्य अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, भाषा, व्यंजन, पहनावा इत्यादि से दूसरे राज्यों को अवगत कराना है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इन सात दिनों में माननीय प्रधानमंत्री जी का नारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत” को सफल बनाने की किया पूरी हो जाएगी। उन्होने सभी मुख्य अतिथियों और सहभागियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इस सात दिनों के कार्यक्रमों में स्वस्थ्य परंपरा का निर्वहन करते हुए बीआइटी पटना के निदेशक एवं संयोजक का विशेष आभार प्रकट किया।

कार्यकम के प्रारंभ में संयोजक प्रो० श्रीधर कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं संस्था के सहकर्मियों, पदाधिकारियों, निदेशक एवं मंचासीन अतिथियों का परिचय कराते हुए बीआईटी पटना में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बताया कि यह राष्ट्रीय एकता शिविर का तीसरा कार्यकम है इस प्रकार बीआईटी पटना राष्ट्रीय एकता का प्रतीक चिह्न बन गया है।

अंत में डॉ० एस०एस० यादव, कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, बीआईटी पटना ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

बीआईटी पटना में बारह राज्यों के कलाकारों ने अपने सांस्कृतिक कार्यकम से जो उस प्रदेश की पहचान है उसका प्रस्तुतिकरण कर सबों का मन मोह लिया।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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