बीएसपीटीसीएल को दिल्ली में मिला स्कॉच (SKOCH) गोल्ड अवार्ड, SAMAST मॉड्यूल के सफल कार्यान्वयन के लिए किया गया सम्मानित
बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) के हिस्से में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बीएसपीटीसीएल को एसएलडीसी में समस्त (SAMAST) परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में स्कॉच (SKOCH) गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस अवार्ड को SKOCH के चेयरमैन समीर कोचर ने एक्सक्यूटिव इंजीनियर SLDC अमृत राज और चीफ इंजीनियर सिस्टम ऑपरेशन अरुण कुमार चौधरी को प्रदान किया। स्कॉच पुरस्कार सरकारी निकायों को उनके क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है। ट्रांसमिशन कंपनी को यह सम्मान स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में आईटी आधारित समस्त मॉड्यूल के सफल कार्यान्वयन हेतु दिया गया। समस्त मॉड्यूल के द्वारा एसएलडीसी राज्य की बिजली प्रणाली के एकीकृत संचालन को सुनिश्चित कर रहा है। बिहार एसएलडीसी ने 4100+ एबीटी मीटर्स को समस्त (शेड्यूलिंग अकाउंटिंग मीटरिंग एंड सेटलमेंट ऑफ ट्रांजेक्शन) सिस्टम के साथ एकीकृत किया है, जो हाईली एक्यूरेट रिपोर्ट्स, बिना किसी कठिनाई के मीटर डेटा विश्लेषण और मीटर डेटा की रिपोर्टिंग समय में कमी में सुधार करने में मदद करता है।
समस्त की सहायता से रखरखाव गतिविधियों के अनुकूल प्रबंधन के कारण बिजली की बाधाएं न्यूनतम हो गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। शट डाउन प्रसंस्करण और तत्वों के चार्जिंग में समय पर कार्रवाई से समय के साथ धन की बचत हुई है। इसके माध्यम से ट्रांसमिशन लॉस की समय पर और सटीक गणना कर सकते हैं। इस डाटा का उपयोग ट्रांसमिशन सिस्टम में सुधार की योजना और विश्लेषण के लिए किया जाता है। ई-लॉग बुक सभी शिफ्ट संचालन का रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रखती है, वोल्टेज प्रोफाइल, लाइन लोडिंग/ट्रांसफार्मर लोडिंग डेटा का दैनिक आधार पर विश्लेषण किया जाता है ताकि ग्रिड की गुणवत्ता बनाए रखते हुए सभी को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके। समस्त मॉड्यूल के साथ अत्याधुनिक स्वचालित सिस्टम बैलेंसिंग तंत्र को एकीकृत किया जाता है, जो जिला स्तर पर लोड कटौती/पुनर्स्थापना स्थिति की निगरानी करने और अंततः दोनों डिस्कॉम पर डीएसएम शुल्क को कम करने में मदद करता है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है।
ज्ञात हो कि केंद्रीय ऊर्जा विभाग ने अपनी रिपोर्ट “विद्युत लेन-देन की समय-निर्धारण, लेखांकन, मीटरिंग और निपटान” में सूचना प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के उपयोग की सिफारिश की थी ताकि सभी गतिविधियों को स्वचालित, सुव्यवस्थित और एकीकृत किया जा सके। इसमें ओपन एक्सेस अनुरोध प्रसंस्करण, समय-निर्धारण, रिपोर्टिंग और बिलिंग जैसी गतिविधियों के लिए वेब-आधारित इंटरफेस लागू करने की सिफारिश की गई थी। भारत के उभरते और बढ़ते बिजली बाजार में, एलडीसी (लोड डिस्पैच सेंटर) में आईटी लॉजिस्टिक्स की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए आईटी सेवा प्रदाताओं के साथ दीर्घकालिक सहयोग की आवश्यकता होती है ताकि अनुकूलित आईटी समाधान विकसित और वितरित किए जा सकें। उपरोक्त दिशानिर्देशों के आधार पर एसएलडीसी/बीएसपीटीसीएल ने 23 दिसंबर 2020 से विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि एबीटी शेड्यूलिंग, ओपन एक्सेस आवेदन प्रसंस्करण और अनुमोदन, आउटेज प्रबंधन, ई-लॉगबुक, ऊर्जा लेखांकन और निपटान/डीएसएम लेखांकन, एमआईएस/वेबसाइट के लिए आंतरिक और बाहरी हितधारकों के लिए अनुकूलित रिपोर्ट जनरेट करने हेतु एकीकृत आईटी समाधान समस्त को लागू किया।
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