बीजेपी ने नीतीश सरकार से की मांग: उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी लिखे जाएं दुकानदारों के नाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद कांवड़ यात्रा के दौरान उस रूट में खाने-पीने की जितनी भी दुकानें हैं, उन दुकानों के आगे दुकान के मालिक अपना नाम लिखा गया। हालांकि इसको लेकर सियासी बवाल भी मचा हुआ है। तमाम तरह के विवादों के बीच सीएम योगी के आदेश का असर दिखने लगा है। मुजफ्फरनगर में एक्शन के डर से कांवड़ यात्रा रूट की कई दुकानों के नाम बदल गए हैं। अब यूपी की तरह बिहार में भी यह काम करने की मांग मधुबनी के बिस्फी से बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने नीतीश सरकार से की है।
बीजेपी विधायक ने कहा कि बिहार में भी कांवड़ यात्रा के रूट की दुकानों पर उनके मालिकों के नाम लिखे जाने चाहिए। दुकानों पर नाम लिखे जाने के बाद यात्री अपनी इच्छा के अनुसार दुकान पर जाएंगे जिससे किसी तरह का विवाद नहीं होगा। हालांकि योगी सरकार के इस फैसले को विपक्ष गलत बता रहा है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि हिन्दू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने की कोशिश बीजेपी कर रही है। जेडीयू, लोजपा रामविलास, आरएलडी ने भी यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इनका कहना है कि जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव करना गलत है। चिराग पासवान ने बीजेपी सरकार के फैसले का खुला विरोध कर दिया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा-मैं जाति या धर्म के आधार पर विभाजन वाले किसी फैसले का समर्थन नहीं कर सकता.
योगी सरकार के फैसले के बाद मुजफ्फरनगर में दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों के आगे अपना नाम लिखकर टांग रहे हैं। हाईवे पर चाय की दुकान चलाने वाले मुस्लिम शख्स की दुकान का नाम कल तक चाय लवर प्वाइंट हुआ करता था, जो अब बदलकर वकील अहमद टी स्टॉल हो गया है। दुकानदार फहीम ने बताया कि पुलिस ने कुछ दिन पहले आकर कहा था कि कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है, इसलिए अपने दुकान पर अपना नाम लिख लो, तो लिख लिया है।
वहीं मुजफ्फरनगर में सड़क के किनारे स्थित ढ़ाबे का नाम भी चेंज हो गया है। जिस ढाबे का नाम पिछले 25 साल से संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय था, सीएम योगी के आदेश के बाद अब उस ढाबे का नाम सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय कर दिया गया है। होटल के मालिक का कहना है कि पुलिस के आदेश के बाद उन्होंने अपने ढाबे का नाम बदल दिया है। बता दें कि सीएम के आदेश के बाद कांवड़ यात्रा मार्ग में जितने भी खाने-पीने की दुकानें हैं उनका नाम बदलना शुरू हो
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