बेटे की पढ़ाई के लिए जमीन रखी गिरवी, अब इसरो में हुआ चयन: माता-पिता का त्याग हुआ सफल

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बड़ी सफलता के पीछे पॉजिटिव अप्रोच के साथ आपको बढ़ना होता है. इसके बाद मंजिल कितनी भी बड़ी क्यूं न हो आप सफल हो ही जाते हैं. ऐसी ही सफलता बिहार के इस लाल ने पाई है. 9वीं क्लास में स्पेस का वीडियो देख इसरो में जाने का सपना सजाया, इसके पीछे मेहनत की, अब इसरो में टेक्निकल एस्टिटेंट के पद पर चयन हुआ है।

बेहद ही गरीब परिवार से आने वाले बरगही गांव के तपेश्वर कुमार की कहानी काफी प्रेरणादायक है. परिवार ने जमीन गिरवी रख अपने बेटा को पढ़ाया, अब उनका बेटे ने न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे जिला का नाम देश के पटल पर रौशन किया है।

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बेहद गरीबी हालात से लड़ते हुए बेटे को पढ़ाया
बिहार के आरा में एक किसान के बेटे ने अपनी कड़ी मेहनत और 12 घंटे की पढ़ाई के बदौलत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) में जगह बनाया है. जहां छोटे से गांव के निम्न मध्यम परिवार से निकल कर तपेश्वर कुमार ने कंप्टीशन की तैयारी कर पहली बार में ही सफलता हासिल कर इसरो में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर ज्वाइन किया है।

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