पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र के बेतिया में बोगस वोटिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ। सीमा देवी नामक महिला वोटर जब मतदान करने बूथ पर गयी तो पता चला कि उनके नाम से पहले ही वोट गिर चुका है। इस बात की जानकारी मिलते ही सीमा देवी के पति संतोष कुमार हंगामा करने लगे।
जिसके बाद पुलिस पदाधिकारी ने उन्हें समझाने की कोशिश की। कहा कि गिराए गये वोट को कैंसिल कर टेंडर वोट देने की बात कही। बोगस वोटिंग का मामला बेतिया के दयानंद विद्या मंदिर स्थित बूथ नंबर 27 का है जहां मतदान देने गई महिला वोटर सीमा देवी को जब पता चला कि उन्होंने तो वोट दे दिया है। सीमा देवी अपने पति संतोष कुमार के साथ मतदान करने पोलिंग बुथ नंबर 27 पर पहुंची थी।
जब पता चला कि उनका वोट पड़ चुका है तब पति गुस्सा हो गये। कहने लगे कि पत्नी को लेकर बूथ पर अभी आए है तो वोट पहले कैसे पड़ गया। महिला के पति ने कहा कि यह पूरे सिस्टम की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि मामले पर लीपापोती हो रही है।
टेंडर वोट की प्रक्रिया जानिए
फर्जी मतदान की शिकायत मतदान केंद्र पर तैनात पीठासीन अधिकारी से पहले करनी होगी। पहचान पत्र की जांच के बाद पीठासीन पदाधिकारी टेंडर वोटिंग की अनुमति देंगे। पीठासीन पदाधिकारी की ओर से बैलेट पेपर दिया जाएगा। जिसमें अपने मनपसंद उम्मीदवार के आगे मुहर लगाकर लिफाफा में अपने मतपत्र को बंदकर उसे पीठासीन पदाधिकारी को देना होगा। इसी पूरी प्रक्रिया को टेंडर वोट कहते हैं। टेंडर वोट की गिनती तब होती है, जब मतगणना के दौरान पहले और दूसरे नंबर के उम्मीदवारों के कुल पाए गए वोटों की संख्या एक समान हो। ऐसे में टेंडर वोट से ही विजेता का फैसला होता है।