भागलपुर : बेशक केंद्र में नई सरकार बन रही है। लेकिन एक्जिट पोल और शेयर बाजार पर अभी भी घमासान जारी है। अलग बात है कि अब बहुमत वाली दल कह रही है शेयर के दाम बढ़ने लगे हैं। आपको याद होगा कि एक्जिट पोल और मतगणना के रुझान तक यानी 1 जून के शाम से 4 जून के दोपहर तक जो शेयर निवेशकों की हालत हुई उसमें तकरीबन 45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
भागलपुर जैसे छोटे बाजार से जो खबरें मिली हैं उसमें लगभग 300 से साढ़े 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ये सारी कवायद राजनीतिक दलों द्वारा वोट को अपने पक्ष में लेने के ख़ातिर हुआ। जबकि ख़तरे में शेयर बाजार के सूचकांक जा पहुंचा। चुनाव प्रचार के दौरान कोई राजनीतिक दल शेयर में उछाल को लेकर निवेश की सलाह दे रहे थे तो कोई राजनीतिक दल गारंटी कार्ड तक बांट रहे थे।
भागलपुर में शेयर होल्डर और स्टॉक मार्केट के जानकार की चिंता बढ़ी हुई है तोल मोल के बोल वाली कहावत को नकारने का असर इस बार के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। कहीं शेयर बाजार धड़ाम होने से निवेशक डरा हुआ है तो कहीं गारंटी कार्ड को लेकर वोटर खास दल के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं।