ब्रिटेन में लेबर पार्टी से सांसद चुने गए मुजफ्फरपुर के कनिष्क
मुजफ्फरपुर। लीची नगरी के लाल ने सात समंदर पार विदेशी धरती पर मुजफ्फरपुर का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में 33 वर्षीय कनिष्क नारायण ने जीत हासिल की है। वे वेल्स के पहले अल्पसंख्यक सांसद चुने गए हैं।
कनिष्क का परिवार मुजफ्फरपुर के दामुचक मोहल्ले के सोंधों हाउस में रहता है। उनके बड़े पापा जयंत कुमार एसकेजे लॉ कॉलेज, गन्नीपुर के निदेशक व चचेरी बहन बर्फी और रॉकस्टॉर फेम बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री श्रेया नारायण हैं। जयंत ने बताया कि कनिष्क की आरंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल से हुई। चार साल की उम्र में कनिष्क अपनी मां चेतना सिन्हा और पिता संतोष कुमार के साथ दिल्ली चले गए।
मुजफ्फरपुर के रहने वाले कनिष्क नारायण वेल्स यूके से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर सांसद बने हैं। 33 वर्षीय कनिष्क सिविल सर्विस में थे। चुनाव की घोषणा के बाद नौकरी से इस्तीफा देकर वे मैदान में उतरे। करीब दो महीने पहले वे एक पारिवारिक पूजा में शामिल होने के लिए माता-पिता के साथ भारत आए थे। लेकिन, चुनावी व्यस्तता के कारण दिल्ली से ही वापस लौट गए। माता-पिता व भाई समेत अन्य परिजन मुजफ्फरपुर आए थे। शुक्रवार को कनिष्क के सांसद बनने की सूचना मिलने पर शहर के दामुचक स्थित सोंधो अपार्टमेंट में जश्न शुरू हो गया है। मूल रूप से वैशाली के गोरौल स्थित सोंधो के रहने वाले स्व. कृष्ण कुमार व वीणा देवी बहुत साल पहले मुजफ्फरपुर के दामुचक में बस गए थे। स्व. कृष्ण कुमार मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चेयरमैन और एसकेजे लॉ कॉलेज के फाउंडर थे। उनके तीन बेटों में सबसे छोटे संतोष कुमार के पुत्र कनिष्क नारायण यूके में सांसद चुने गए हैं। कनिष्क का जन्म मुजफ्फरपुर में ही हुआ। तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई भी शहर से पूरी की। कनिष्क के पिता संतोष कुमार व मां चेतना सिन्हा एसकेजे लॉ कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर दिल्ली चले गए। इसलिए कनिष्क की आगे की पढ़ाई दिल्ली से ही हुई। जब वे 12 साल के थे, तब माता-पिता के साथ ब्रिटेन चले गए।
कनिष्क ने ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई मूल के अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि छात्रवृत्ति के साथ इटेन ऑक्सफोर्ड व स्टैनफोर्ड अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने लोक सेवक के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन के साथ पर्यावरण विभाग में काम किया। वे लिजट्स के अधीन भी कार्य कर चुके हैं। कनिष्क की जीत की खबर से मुजफ्फरपुर में रह रहे परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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