भगवान शिव का वह अधूरा मंदिर, जहां है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग
भारत में बहुत से मंदिर हैं साथ ही इन मंदिरों से जुड़ी पौराणिक कथाएं बहुत ही रोचक और हैरान करने वाली होती हैं. ऐसा ही एक मंदिर मध्यप्रदेश के भोजपुर में स्थित है. विश्व प्रसिद्ध भोजेश्वर महादेव मंदिर है. सावन के महीने में हर दिन यहां विशेष पूजा की जाती है. इस प्राचीन शिव मंदिर में पूरे सावन में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. लेकिन यह मंदिर कुछ कारणों से आज भी पूरा नहीं हुआ है.
क्यों अधूरा है भोजेश्वर मंदिर?
भोजपुर और इस शिव मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने 1010 ई. से 1055 ई. में करवाया था. लोग इस मंदिर को अधूरा मंदिर के नाम से भी जानते हैं. भोजेश्वर मंदिर के अधूरा होने को लेकर एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है. कथा के अनुसार, जब द्वापर युग में पांडव अज्ञातवास काट रहे थे. तब यहां वह कुछ समय के लिए रुके थें और माता कुंती की पूजा करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया था.
इस मंदिर के पूरा न बनने के पीछे यह भी कारण बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही दिन में यानी सूर्योदय होने तक पूरा करना था, लेकिन पांडव मंदिर का निर्माण पूरा नहीं कर पाएं जिसकी वजह से भोजेश्वर मंदिर अधूरा रह गया और आज भी अधूरा ही है.
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