बाराचट्टी (गया)। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान शहीद हुए कोबरा कमांडो की इकलौती बहन की शादी में बटालियन के अधिकारियों ने अपनी जमकर भागीदारी निभाई। कोबरा कमांडेंट नरेश पवार की अगुवाई में अधिकारियों और जवानों की टीम शहीद हुए सब इंस्पेक्टर रोशन कुमार के घर लखीसराय पहुंची।गुरुवार को वाहिनी के अधिकारियों ने शादी में भागीदारी सुनिश्चित कर इकलौती बहन मनीषा को भाई की कमी नहीं खलने दी।
वर्षों पहले बॉलीवुड की एक फिल्म आई थी ‘सैनिक’। उस फिल्म के अभिनेता अक्षय कुमार देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। दूसरी ओर सब उन्हें शहीद समझ उनका अंतिम संस्कार कर देते हैं। इसी बीच उनकी इकलौती बहन की शादी में सेना के अधिकारी भाई बन पहुंचते हैं। और शादी की सभी रस्मों को ठीक उसी प्रकार पूरा करते हैं। जिस प्रकार यदि अक्षय कुमार होते तो वे पूरा करते। परदे की इस कहानी को सत्य कर दिखाया है 205 कोबरा बटालियन के जवानों ने। इस दौरान शहीद रोशन कुमार के पिता ने कहा कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया। लेकिन, कोबरा कमांडोज के रूप में आज उन्हें कई बेटे एक साथ मिल गए। जो हर दुख एवं सुख में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं।
जानकारी के अनुसार 205 कोबरा बटालियन सीआरपीएफ में पदस्थापित उप-निरीक्षक रोशन कुमार 13 फरवरी 2019 को मात्र 25 वर्ष की आयु में छकरबंधा के घनघोर जंगलों में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। 11 जुलाई गुरुवार को को उनकी इकलौती बहन मनीषा का विवाह उनके पैतृक गांव लखीसराय जिला के गरसंदा गांव में था। इसकी जानकारी होते ही 205 कोबरा बटालियन के कमांडेंट नरेश पंवार के नेतृत्व में 205 कोबरा के अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों ने गरसंदा गांव पहुंचकर मनीषा की शादी में हिस्सा लिया। इस दौरान कोबरा जवानों ने मनीषा की शादी की वे सभी रस्में निभायी जो यदि रोशन कुमार जिंदा होते तो करते। अपनी सहभागिता से कोबरा जवानों ने बहन मनीषा को अपने भाई की कमी महसूस नहीं होने दी। मौके पर बहन को उपहार स्वरुप क्लासिक बुलेट एवं सहयोग राशि भेंट की। 11 जुलाई को जब मनीषा की शादी के दौरान 205 कोबरा का प्रतिनिधिमंडल शहीद रोशन के गांव गरसंदा में कोबरा की वर्दी में पहुंचा और कमांडोज ने बहन मनीषा की शादी में उन सभी रस्मों को निभाया। जिन्हें जिंदा होते हुए शहीद रोशन कुमार निभाते। यह देखकर समारोह में उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। कमांडोज ने बहन मनीषा को कई सारे तोहफे दिए एवं फूलों की चादर की छांव तले मंडप तक लेकर गए।