जस्टिस फॉर रंजीत रंजन को लेकर बंद थे चार दिनों से ओपीडी और इमरजेंसी, जेएलएनएमसीएच की ओपीडी और इमरजेंसी व्यवस्था हुई बहाल
भागलपुर: जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज फर्स्ट ईयर के एक छात्र ने गले में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। घटना शनिवार की रात की है घटना की जानकारी मिलने के बाद छात्रों में काफी आक्रोश देखा गया।
जिसको लेकर उन्होंने जस्टिस फॉर रंजीत रंजन के नारे लगाते दिखे और सभी मेडिकल के छात्रों ने मिलकर ओपीडी बंद कर धरने पर बैठ गए। जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा प्रत्येक दिन सैकड़ो मैरिज इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल पहुंच रहे थे। लेकिन उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था वही अपनी मांगों को लेकर मेडिकल के छात्रों ने अधीक्षक के पास अपनी बात रखी अधीक्षक में ओपीडी खोल देने की बात कही और छात्रों पर आगे अनुसंसा करने की बात कही लेकिन छात्र नहीं माने।
फिर उन्हें अधीक्षक के द्वारा तीन दिनों का समय लेने के बाद मेडिकल के छात्रों ने ओपीडी खोला और फिर अस्पताल की व्यवस्था शुरू हो पाई वही इस मामले को लेकर किसी तरह की बड़ी घटना ना हो उसको लेकर भागलपुर एसडीएम धनंजय कुमार टीएसपी अजय कुमार चौधरी भी घटनास्थल पर पहुंच गए और मामला को शांत कराया।
मेडिकल कॉलेज छात्रों की मांगे हैं जो फर्स्ट ईयर का छात्र रंजीत रंजन था वह कॉलेज के रवैया से काफी प्रताड़ित हुआ था वह काफी गरीब परिवार से तालुकात रखता था वह किसी तरह पढ़ाई कर रहा था कॉलेज प्रबंधन छात्रावास के लिए पहले ही शुल्क ले लेती है लेकिन ढाई वर्ष बाद उसे हॉस्टल देती है।
जिसके चलते छात्र काफी परेशान रहते हैं कई मूलभूत सुविधाएं भी हॉस्टल में नहीं रहने के कारण फर्स्ट ईयर का छात्र काफी परेशान था। जिसके चलते उसकी पढ़ाई भी बाधित हो रही थी और परीक्षा में भी उसके पेपर खराब चल गए थे वह काफी डिप्रेशन में था जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। इसको प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि अगर तीन दिनों के अंदर हम लोगों की मांगे पूरी नहीं हुई तो फिर से इमरजेंसी और ओपीडी बंद कराया जाएगा और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हम लोग रहेंगे ।