दीपों का पर्व दीपावली रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। त्योहार पर शहर में हर घर रोशनी से जगमगा गया। देर रात तक बाजार खुले रहे और व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों में पूजा-अर्चना की।
लोगों ने दीपक व झालरों के साथ घर व प्रतिष्ठानों को केला थम, गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा आदि फूलों से सजाया था। कई लोग मां काली की प्रतिमा देखने के साथ बाजार की सुंदरता को भी देखा। महिलाओं व बच्चों ने अपने-अपने घरों को रंगोली से सजाया था। शाम को पूजा-अर्चना के बाद लोग अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर आशीर्वाद लिए। इसके बाद परिवार के सभी लोग हुक्का-पाती जलाया। इससे पूर्व बाजार में सुबह से शाम तक पूजन सामग्री व मिठाई को लेकर बाजार में भीड़ रही। वेरायटी चौक स्थित मिठाई कारोबारी बलराम झुनझुनवाला ने बताया कि दीपावली को लेकर मिठाईयां में ऑफर था। दूसरी ओर खलीफाबाग स्थित मिठाई कारोबारी मानवेंद्र शुक्ला ने बताया कि इस दीपावली काजू मिठाई का बोलवाला रहा। लोग शुगर फ्री खजूर की मिठाई भी खूब पसंद किये।
सेल्फी प्वाइंट भी बनाया
दीपावली को लेकर चहल-पहल खूब रही। हाउसिंग बोर्ड में सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था। जहां लोगों ने अपने-अपने परिवारों के साथ फोटो खिंचवाये। कॉलोनी के रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि दीपावली पर उनके यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस बार घरों की सजावट व सेल्फी प्वाइंट की व्यवस्था की गयी थी। जहां हर परिवार मिलकर फोटो खिंचवाये और एक-दूसरों को दीपावली की बधाई दी।
एक जोड़ा केला थम दो सौ रपये तक में बिका
लक्ष्मी पूजन के समय केला का थम व कमल फल का विशेष महत्व है। इस कारण एक जोड़ा केला थम की कीमत दो सौ रुपये जोड़ा तक बिकी। संकट मोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि पूजा के समय केला का थम से धन, सुख-सुविधा, वंश आदि की वृद्धि होती है। इसलिए हर पर्व में केला का थम या फल का महत्व है। उन्होंने कहा कि कमल से भगवान विष्णु का अवतरण हुआ है इसीलिए मां लक्ष्मी को यह फूल प्रिय है। उधर इस दीपावली पटाखा खरीदना महंगा रहा। इस कारण आतिशबाजी कम हुई।