भागलपुर में गंगा विकराल होती जा रही है। सभी प्रमुख बिंदुओं पर जलस्तर लाल निशान के समीप आ गया है। जबकि कहलगांव में जलस्तर लाल निशान के पार गया है। केंद्रीय जल आयोग ने पाया कि कहलगांव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 21 सेमी ऊपर है। यहां और बढ़ोतरी की संभावना भी जतायी गई है। गंगा की सहायक नदियां कोवा, भैना, गेरुआ आदि बढ़ने लगी है। यहां चौर क्षेत्र में पानी फैलने लगा है। वहीं तौफिल में कृषि योग्य भूमि का कटाव निरंतर जारी है। नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के दियारा बाहुल्य क्षेत्रों के गंगा किनारे बसे ग्रामीणों को बाढ़ का डर सताने लगा है। रत्तीपुर बैरिया और शंकरपुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कटाव भी हो रहा है। वहीं गंगा भागलपुर व सुल्तानगंज में चेतावनी स्तर तक पहुंच गई है।
भागलपुर और सुल्तानगंज में खतरा स्तर पार भागलपुर में वार्निंग लेवल 31.68 मीटर के मुकाबला 31.71 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया। जबकि सुल्तानगंज में खतरा स्तर 31.50 मीटर के मुकाबले 31.54 मीटर पर जलस्तर आंका गया है। जल आयोग ने अगले 24 घंटे बाद करीब आधा मीटर बढ़ोतरी की संभावना जताया है। गंगा नदी राघोपुर में लाल निशान 32.80 मीटर के करीब यानी 32.02 मीटर और इस्माईलपुर बिंदटोली में लाल निशान 31.60 मीटर के करीब यानी 30.67 पर बह रही है। कोसी में भी वृद्धि हुई है। सहोरा में लाल निशान 31.48 मीटर के करीब 29.61 मीटर और विजय घाट पुल पर लाल निशान 31.00 मीटर के करीब 30.87 मीटर पर कोसी का जलस्तर रिकार्ड किया गया।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से किसान चिंतित सुल्तानगंज। गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण दियारा क्षेत्र के निचले क्षेत्र के उपजाऊ जमीन को अब अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है । जिसका नजारा महेशी पंचायत क्षेत्र के दियारा क्षेत्र कल्याणपुर मोतीचक के निचले हिस्से, और शाहाबाद दियारा में देखने को मिलने लगा है। जहां निचले हिस्से में गंगा का पानी धीर-धीरे प्रवेश कर चुका है। जिससे गांव के किसान सहित आम लोग चिंतित हैं। हालांकि बाढ़ अभी विकराल रूप में नजर नहीं आया है। ये गांव गंगा नदी के नजदीक हैं। नदी का पानी बढ़ने पर सबसे पहले इसी गांव को प्रभावित करता है। यही कारण है कि बाढ़ आने पर यह गांव काफी दिनों तक पानी से घिरा रहता है। कई दिनों तक लोगों का घर से निकल पाना मुश्किल सा हो जाता है। फसलों की भी क्षति होती है। इस दौरान सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। यही कारण है कि गंगा में पानी बढ़ने के साथ ही उक्त गांव के लोगों को चिंता सताने लगी है। ग्रामीण मनीष कुमार कहते हैं कि बारिश और जलजमाव ने सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचाया है। सब्जियों के लत जलजमाव से पीले पड़ने लगे हैं। यही कारण है की सब्जी की खेती करने वाले किसानों का चिंता बाढ़ के दौरान बढ़ जाती है। गनगनिया पंचायत और कमरगंज पंचायत की बड़ी आबादी गंगा के नजदीक ही बसी है। गनगनिया पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि संजय मंडल ने बताया कि गंगा बढ़ रही है। फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
पीरपैंती टपुआ दियारा में कटाव में आ रही तेजी
पीरपैंती। टपुआ दियारा में गंगा के जलस्तर में वृद्धि से कटाव हो रहा है। हालांकि गंगा अभी आबादी से दूर है। बावजूद इसके गंगा से सटे रह रहे लोगों में दहशत है। ग्रामीणों ने बताया कि कटाव चारों ओर होने लगेगा तो लोग दूसरी जगह जाने की सारी तैयारी भी कर चुके हैं। लोगों ने बताया कि शनिवार की रात्रि के बाद रविवार को भी काफी धंसना गिरा। जगह-जगह कटाव भी हुआ। जिससे ग्रामीण भयभीत हो गए। लोगो ने बताया कि पहले केवल पश्चिम दिशा में कटाव हो रहा था, लेकिन अब कई जगह कटाव होने से पानी खेतों में खड़ी फसल को डुबो रहा है। लोगों ने कटाव रोधी कार्य तेजी से कराने की मांग की है।
बटेश्वर से अंठावन तक हो रहा गंगा का कटाव
कहलगांव। बटेश्वर स्थान से लेकर तौफील और अंठावन में कृषि योग्य भूमि का निरंतर कटाव जारी है। पंचायत की मुखिया ललिता देवी और पंचायत समिति सदस्य गंगाधर राज ने बताया कि सोमवार को गुलशन तांती, विकास मंडल, रवि शर्मा, सुधांशु शर्मा मनोज तांती, चंदन कुमार मंडल, लालधारी यादव, आशुतोष कुमार यादव, मिथिलेश चौधरी आदि किसानों के कृषि योग्य भूमि तीन एकड़ के करीब जमीन गंगा में समा गई।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में क्यूआरटी का होगा गठन
सबौर। नगर पंचायत सबौर में सोमवार को सशक्त अस्थाई समिति की बैठक मुख्य पार्षद दीप शिखा नंद परिणा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि नई योजना पर कार्य करने बारिश मानसून को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया जाए। साफ-सफाई पर विशेष फोकस रहेगा। जहां बाढ़ से जल जमाव की समस्या होगी वहां टीम त्वरित कार्य करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखेगी।