भागलपुर : लोहिया पुल (उल्टा पुल) पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए नगर निगम ने इसे नो पार्किंग जोन घोषित किया है। ऐसे में इस पुल पर लगने वाले ठेला-खोमचों को नगर निगम जब्त करेगा और दुकानदारों से जुर्माना वसूला जाएगा। बुधवार से नगर निगम की ओर से पुल पर अभियान चलाने की योजना है। नगर निगम की ओर से लोहिया पुल का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
टाइल्स लगाई जा रही है। साथ ही पुल की रेलिंग की रंगाई-पुताई भी की जा रही है। लेकिन पुल पर गन्ने का रस बेचने के अलावा कई विक्रेताओं के द्वारा पुल के फुटपाथ पर दुकान सजा देने से इसकी सुंदरता खराब होती है। सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी शशिभूषण सिंह ने कहा कि स्टेशन, डिक्शन मोड़ और अलीगंज तीनों तरफ से पूरे लोहिया पुल को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है।
इस पुल पर जो भी ठेला-खोमचा लगाएगा, उसे नगर निगम जब्त कर लेगा।
“नो पार्किंग जोन” (No Parking Zone) एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां वाहनों को पार्क करना प्रतिबंधित होता है। इस क्षेत्र में वाहनों को रोकने या खड़ा करने की अनुमति नहीं होती है। नो पार्किंग जोन आमतौर पर यातायात की सुचारू रूप से चलने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित किए जाते हैं।
नो पार्किंग जोन के संकेत और नियम:
- संकेत: नो पार्किंग क्षेत्र में विशेष संकेत होते हैं, जिनमें “No Parking” लिखा होता है। यह संकेत आमतौर पर सड़क के किनारे या उन स्थानों पर लगे होते हैं जहां पार्किंग निषेध होती है।
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समय सीमा: कुछ नो पार्किंग जोन विशेष समय अवधि के लिए होते हैं, जैसे कि “सुबह 9 से शाम 6 बजे तक।” इन समयों के बाहर पार्किंग की अनुमति हो सकती है।
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विशेष क्षेत्र: अस्पताल, स्कूल, फायर स्टेशन, सरकारी कार्यालयों के सामने, और बाजारों के व्यस्त इलाकों में नो पार्किंग जोन बनाए जाते हैं।
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कानूनी परिणाम: नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने पर चालान काटा जा सकता है, वाहन टो किया जा सकता है, या अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
नो पार्किंग नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि यातायात बाधित न हो और सुरक्षा बनी रहे। इसके अलावा, इन नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी जुर्माना या अन्य दंड का सामना करना पड़ सकता है।